रिपोर्ट :- गौरव सिंघल/शशांक जैन, विशेष संवाददाता,दैनिक संवाद,सहारनपुर मंडल,उप्र:।।
देवबंद (दैनिक संवाद न्यूज)। देवबंद में आर्ट आफ लिविंग परिवार की ओर से बीती 8 नवंबर दिन मंगलवार से दल्लो की धर्मशाला, रेलवे रोड देवबंद पर हैप्पी नैस प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। देवबंद में आर्ट आफ लिविंग परिवार से जुडे और विश्व विख्यात आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर जी में गहरी आस्था रखने वाले शशांक जैन ने बताया कि देवबंद नगर में बीती 8 नवंबर मंगलवार से दल्लो की धर्मशाला रेलवे रोड पर हैप्पी नैस प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। शशांक जैन ने बताया कि हैप्पीनेस प्रोग्राम 13 नवंबर दिन रविवार तक प्रात: साढे पांच बजे से साढे आठ बजे तक देवबंद में आयोजित होगा।
उन्होंने बताया की देवबंद नगर के काफी लोग इस शिविर का लाभ उठा रहे है। शशांक जैन ने बताया कि आर्ट आफ लिविंग देवबंद परिवार के निमंत्रण पर इस बार सुमेरु संध्या गायक, बैंगलोर आश्रम के वरिष्ठ शिक्षक अकक्षत जोशी जी देवबंद पहुंचकर हैप्पीनेस कार्यक्रम को संचालित करा रहे है। वरिष्ठ शिक्षक अकक्षत जोशी जी को 18 साल का आर्ट ऑफ लिविंग का अनुभव है। शशांक जैन ने बताया कि शिक्षक अकक्षत जोशी जी से आर्ट आफ लिविंग परिवार देवबंद से जुडे लोगो को काफी कुछ नया सीखने को मिल रहा है। शशांक जैन ने बताया कि शिक्षक अकक्षत जोशी जी द्वारा विश्व के 180 देशों में स्थापित सुदर्शन क्रिया को देवबंद शिविर में आयोजित कराया जा रहा है।
शशांक जैन ने बताया कि देवबंद के लोग इस शिविर में विश्व विख्यात सुदर्शन क्रिया, प्राणायाम योग, ध्यान जो आपके मन को तुरंत शांति प्रदान करके तनाव मुक्त करता है, ज्ञान-सूत्र जिससे आप अपने जीवन में आने वाली परेशानियों को हल कर सकते है, क्रोध आदि नकारात्मक भावनाओं से मुक्त होना, रोग प्रतिरोधन क्षमता में वृद्धि, अच्छे आपसी संबंध, स्थिर मेटाबोलिक सिस्टम, निर्णय क्षमता में वृद्धि एवं स्पष्टता, आत्मविश्वास में वृद्धि ध्यान की विधियाॅ एवं मन की एकाग्रता, भावनाओं में स्थिरता, शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि, उत्साहपूर्ण जीवन, कोरोना संक्रमण से सुरक्षा आदि विषयों का लाभ उठा रहे है। जीवन जीने की इस कार्यशाला के छह दिवसीय आयोजन के चौथे दिन आर्ट आफ लिविंग के बैंगलौर आश्रम के वरिष्ठ शिक्षक अकक्षत जोशी,जो एक विश्व विख्यात सुमेरू सिंगर भी है, ने बताया कि आज की इस अति भौतिकवादी जिंदगी में ज्यादातर मानव समाज अपने निजी जीवन में सुख, शांति और स्वास्थ्य खोता जा रहा है। जो कि यह उसका प्राकृतिक अधिकार है।
अभी व्यक्ति अंधाधुंध दौड में अपने स्वाभाविक जीवन को छोडकर या तो भविष्य में जी रहा है या भूतकाल में, वर्तमान में तो उसको रहना ही नहीं आता हैऔर चिंता तो आज के जीवन में प्रत्येक व्यक्ति का एक अभिन्न अंग बन गया है और चिंता मुक्त जीवन का उपाय है अपनी स्वासों की गति को कुछ विशेष रूप से नियंत्रित करना। इन स्वासों की गति को कुछ विशेष रूप से नियंत्रित करने की एक विशेष क्रिया को ही सुदर्शन क्रिया कहते है। आज यह सुदर्शन क्रिया विश्व के 180 देशों में अपना सफलतापूर्वक संचालन कर रही है। विश्व के करोडो लोग इस सुदर्शन क्रिया का अभ्यास कर रहे है। आज शिक्षक अकक्षत जोशी ने योग प्रणायाम और सुदर्शन के अभ्यास के साथ जीवन उपयोगी सूत्र दिए। उन्होंने बताया कि जो भी जीवन में कार्य करे सजगतापूर्वक करे। तभी जीवन में पूर्णता आती है। उन्होंने एक विशेष सूत्र भी दिया कि मेरी खुशी मेरा निर्णय है। अगर ये सूत्र सभी लोग अपने-अपने जीवन में अपना लेंगे तो उन्हें जीवन की कोई भी परिस्थिति विचलित नहीं कर सकती। इस कार्यशाला का समापन 13 नवंबर को हो रहा है। इस कार्यशाला के समापन पर शाम के समय आर्ट आफ लिविंग परिवार एक भजन संध्या का आयोजन कर रहा है। जिसमें सभी समाज के लोगों को नि:शुल्क रूप से आमंत्रित कर रहे है। कार्यशाला में प्रमुख रूप से अमनदीप कौर, शशांक जैन, देवेश सिंघल, वैभव जैन, सार्थक जैन, सौरभ बंसल, सतीश गिरधर, राजेश सिंघल, डा.कांता सिंह, दीपक कुमार, गौरव, अंकित अग्रवाल, अभिनव वर्मा, रानी, अंजू, ऋषभ जैन, आलोक, अनुज आदि मौजूद रहे।