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आदित्य ठाकरे के बदले सुर, तो CM शिंदे ने दी बयानबाजी को लेकर ये नसीहत

महाराष्ट्र की सियासत में शिवसेना (Shiv Sena) अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कैसे सूबे में शिवसेना (Shiv Sena) एक जुट कैसे किया जा सके। यह सबसे बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे पर अपनी रणनीति बदलते नजर आ रहे हैं। उन्होंने बागी विधायकों के खिलाफ बयानबाजी (rhetoric) को लेकर आदित्य को अपनी ‘उम्र’ ध्यान रखने की सलाह दी है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने पार्टी में विद्रोह के कारणों को लेकर भी चर्चा की।

महा विकास आघाड़ी (MVA) की पूर्ववर्ती सरकार के खिलाफ बगावत करने वालों को ‘धोखेबाज’ और ‘पीठ में छुरा घोंपने’ वाला कहने वाले आदित्य और उनके पिता उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे तीखी टिप्पणी करने से हमेशा बचते नज़र आए हैं, हालांकि, गत दिवस एक मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए, शिंदे ने आदित्य पर निशाना साधा। शिंदे से जब बागी विधायकों को आदित्य ठाकरे द्वारा ‘धोखेबाज’ कहे जाने के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, ‘उन्हें अपनी उम्र मालूम होनी चाहिए और उन्हें उसी के अनुसार बोलना चाहिए।

 

आज हम जो कुछ भी हैं, वह स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे और उनके विचारों की वजह से हैं। लेकिन वह (आदित्य) और अन्य लोग सत्ता के लिए बालासाहेब के विचारों से दूर हो गए है, जिसने हमें (विद्रोह करने का) यह कड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर किया।सीएम के अलावा शिंदे कैंप के विधायक पहले ही आदित्य के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। अगस्त में ही महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक हाथों में राज्य के पूर्व पर्यावरण मंत्री का पोस्टर लिए नजर आए थे। इस पोस्टर में उन्हें एक घोड़े पर उलटा बैठे दिखाया गया था। पोस्टर में कहा गया था कि मंत्री पद पर रहते हुए आदित्य घर पर बैठे रहे और कुछ नहीं किया और सरकार गंवाने के बाद राज्य का दौरा कर रहे हैं।