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आत्‍महत्‍या से पहले महंत नरेंद्र गिरि छोड़ गए सुसाइड नोट,लिखा-अपने शिष्‍य से थे दुखी

प्रयागराज। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष (arena council president) और निरंजनी अखाड़ा के सचिव (Secretary of Niranjani Akhara) महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) ने अपने मठ बाघंबरी गद्दी में सोमवार की शाम कथित तौर पर सुसाइड (suicide) कर ली. प्रयागराज रेंज के आईजी केपी सिंह ने बताया कि शाम को पुलिस के पास फोन आया कि महाराज जी पंखे पर फांसी के फंदे पर लटक गए हैं. महंत के शिष्यों के मुताबिक, घटना के समय कमरे का दरवाजा भीतर से बंद था और उन्होंने दरवाजा तोड़कर उन्हें फंदे से उतारकर जमीन पर लिटाया.


आईजी ने ने बताया कि पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की मौत हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यह सुसाइड का मामला नजर आता है और मौके से 7-8 पेज का सुसाइड नोट (7-8 page suicide note) भी मिला है जिसमें महंत ने अपने आश्रम के बारे में क्या करना है, एक तरह से वसीयतनामा लिखा है. सुसाइड नोट(suicide note) में महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) ने लिखा है कि वह अपने एक शिष्य से दुखी थे.

केपी सिंह ने बताया कि महंत ने अपने सुसाइड नोट(suicide note) में इस कठोर कदम के पीछे कई कारण लिखे हैं और कई मार्मिक बातें लिखी हैं. सिंह ने कहा कि फॉरेंसिक टीम सुसाइड नोट की जांच कर रही है और महंत के शव का मंगलवार को पोस्टमॉर्टम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड की टीम अपना काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के आने के बाद महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम संस्कार पर निर्णय किया जाएगा.