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आतंक पर अंकुश: नई एजेंसी SIA का गठन, इन मामलों की करेगी जांच

जम्मू-कश्मीर सरकार ने यूएपीए और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत अपराधों की जांच और अभियोजन के लिए स्टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) का गठन किया है. यह एजेंसी नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय करेगी. यह एजेंसी आतंकवाद से जुड़े मामलों की प्रभावी जांच करने के साथ अभियोजन की कार्रवाई भी करेगी. जम्मू-कश्मीर गृह विभाग की ओर से सोमवार को जारी आदेश के अनुसार, स्टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) एसआईए में एक निदेशक होगा. इसमें अधिकारी और कर्मचारी सरकार की ओर से भेजे जाएंगे. सीआईडी प्रमुख एजेंसी के मानद निदेशक होंगे. मूल वेतन का 25 प्रतिशत विशेष प्रोत्साहन राशि स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) में तैनात कर्मचारियों को दिया जाएगा. आदेश में कहा गया है कि सभी थाना प्रभारी आतंकवाद से जुड़े मामलों के रजिस्टर्ड होने की सूचना उसी समय SIA को देंगे.

जांच के दौरान अगर आतंकवाद का एंगल मिलता है, तो भी SIA को सूचना देनी होगी. डीजीपी क्राइम की गंभीरता जैसे कई बिंदुओं को ध्यान में रखकर किसी भी मामले की जांच SIA को सौंप सकते हैं. SIA किसी भी मामले का स्वत: संज्ञान लेकर एफआईआर (FIR) दर्ज कर सकती है, लेकिन इसकी जानकारी डीजीपी को देनी अनिवार्य होगी. स्टेट इंवेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) सभी प्रकार की आतंकी गतिविधियां, आतंकी वित्तीय मदद, नकली करंसी का संचालन, आतंकी षड्यंत्र मामला, आतंकवाद से जुड़े NDPS मामले, अपहरण और हत्या, आतंकवाद से जुड़ी चोरी, फिरौती, एटीएम और बैंक लूट, हथियार लूटने, दुष्प्रचार व भारत सरकार के खिलाफ झूठा प्रचार आदि मामलों की जांच करेगी.

उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं घटती रहती हैं. हाल ही में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में हुए एक धमाके में सेना के दो जवान शहीद हो गए. सेना के जवान नियंत्रण रेखा के पास गश्‍त लगा रहे थे, लेकिन इस दौरान जोरदार विस्‍फोट हो गया. विस्फोट में 3 जवान घायल हुए थे, लेकिन 2 की मौत चोट गंभीर गंभीर होने की वजह से हो गई. सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार और सिपाही मंजीत सिंह अपनी बहादुरी के लिए बेहद प्रतिबद्ध थे और उन्होंने सक्रिय कर्तव्य की कतार में राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया.