जम्मू-कश्मीर के सोपोर में मंगलवार तड़के सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में तीन दहशतगर्दों को मार गिराया गया है। अराजकतत्व अफवाह न फैला सकें, इसके मद्देनजर सोपोर में मोबाइल इंटरनेट सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है। साथ ही श्रीनगर-बारामुला के बीच ट्रेन सेवा निलंबित कर दी गई है। बता दें कि सोपोर के पेठसीर गांव में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। जिसके आधार पर पुलिस, सेना की 52-आरआर और सीआरपीएफ की 177,179 व 92 बटालियन की संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया।
घेरा सख्त होता देख आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई। सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराने में सफलता पाई है, जिनकी अभी शिनाख्त नहीं हुई है। फिलहाल इलाके में तलाशी अभियान जारी है। कश्मीर जोन के आईजीपी विजय कुमार ने बताया कि इस साल अब तक 101 आतंकियों को खात्मा किया जा चुका है। इससे पहले सोमवार को एसओजी के 10 कमांडों ने क्रिकेट मैदान में घेरकर द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के सरगना अब्बास शेख और उसके साथी आतंकी साकिब मंजूर को मुठभेड़ में मार गिराया। दोनों पुलिस के रडार पर लंबे समय से थे। मारे गए आतंकियों से हथियार भी बरामद किए गए हैं। दोनों कई नागरिकों की हत्या में शामिल थे। स्थानीय युवाओं की भर्ती करने में भी भूमिका निभा रहे थे। पुलिस के अनुसार यह बड़ी कामयाबी है।
आईजीपी विजय कुमार ने बताया कि दोनों के बारे में इनपुट मिलने पर श्रीनगर पुलिस के 10 जवान सिविल ड्रेस में गए। वहां पर इलाके का घेराव किया और उन्हें ललकारा। चेतावनी देने के बाद उधर से फायरिंग की गई जिसका जवाब दिया गया। इससे मुठभेड़ शुरू हो गई जिसमें दोनों आतंकी मारे गए। अब्बास ने आतंक फैला रखा था और नए युवाओं को आतंकवाद में भर्ती के लिए प्रेरित करता था जिसके चलते बच्चों के अभिभावक काफी परेशान थे। वह अभिभावकों से अपील करते हैं कि बच्चों को इस राह पर न जाने दें। जो चला गया है उसे वापस लाने की कोशिश करें हम उनका स्वागत करेंगे। विजय कुमार ने बताया कि अब्बास शेख के इशारे पर ही साकिब मंजूर श्रीनगर में कई हत्याओं को अंजाम दे चुका था। चार और आतंकी वांछित हैं जिन्हें जल्द मार गिराया जाएगा। बता दें कि साकिब का एक वीडियो कुछ महीने पहले वायरल हुआ था जिसमें वह फिरन के नीचे से एके 47 निकालकर दो पुलिसकर्मियों पर हमला करता दिखा था। इस हमले में दोनों पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।