समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आज चुनाव (UP Assembly Election Result) के नतीजों को लेकर सहयोगी दलों (Allies) के साथ मंथन करेंगे. इसे लेकर सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या नाराज चल रहे शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) सहयोगी दलों की इस बैठक में शामिल होंगे या नहीं. जानकारी के अनुसार बैठक में हार के कारणों की पड़ताल होगी. सहयोगी दलों ने नेताओं के सात बातचीत में गठबंधन की मजबूती पर भी चर्चा होगी. वहीं अगला लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने पर भी चर्चा होगी. विधानसभा चुनाव में सपा गठबंधन के 125 विधायक हैं. इसमें गठबंधन के 14 विधायक शामिल हैं.
बैठक में रालोद, सुभासपा, जनवादी पार्टी, महान दल, अपना दल कमेरावादी को भी बुलाया गया है. अब सवाल ये है कि इस बैठक में प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव शामिल होते हैं या नहीं. शिवपाल यादव सपा विधायकों की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज हैं. वो सपा विधायक के तौर पर आना चाहते थे जबकि SP उन्हें सपा विधायक के बजाए प्रसपा अध्यक्ष के तौर पर ज्यादा अहमियत दे रही है. इसलिए उन्हें सहयोगी दल में रखा हुआ है. लेकिन शिवपाल के तेवर बता रहे हैं कि अब वह बड़ा निर्णय कर सकते हैं.
क्यों नाराज हैं शिवपाल ?
वहीं समाजवादी पार्टी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. लेकिन इस बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इससे शिवपाल नाराज़ बताए जाते हैं. शिवपाल ने कहा है कि उन्हें इस बैठक की कोई सूचना नहीं दी गई. इसके जवाब में अखिलेश ने सफाई दी है कि सहयोगी दलों के विधायक दल की बैठक में में शिवपाल यादव को भी बुलाया जाएगा.
क्या शिवपाल फिर अटकाएंगे राह में रोड़ा?
समाजवादी पार्टी के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अब अखिलेश यादव का उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष का नेता बनना तय है. विधायक दल के नेता चुने जाने जैसे शुभ अवसर पर चाचा शिवपाल ने नाराज़गी जताकर अपशकुन कर दिया है. इससे यह आशंका पैदा हो गई है कि शायद अखिलेश की राह में चाचा शिवपाल एक बार फिर रोड़ा अटका सकते हैं.
वहीं लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में यह मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है कि आख़िर समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक में शिवपाल यादव को क्यों नहीं बुलाया गया. ग़ौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव से समझौता किया था. इसी समझौते के तहत शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ा था और जीतकर विधायक बने हैं. इस हिसाब से वो समाजवादी पार्टी के विधायक हैं. लिहाजा उन्हें विधायक दल की बैठक में बुलाया जाना चाहिए था.