पिछले कई दिनों से असम (Assam) में बाढ़ की स्थिति बनी (Flood situation prevails) हुई है. ऐसे में लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. बीते गुरुवार को बारिश संबंधित घटना में दो और लोगों की मौत हो गई. वहीं सरकारी आंकड़े के मुताबिक 5.61 लाख लोग (5.61 lakh people) अब भी बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (disaster management authority) की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को नगांव और कामपुर में एक-एक व्यक्तियों की मौत हुई है. इन नई मौतों के चलते प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन (floods and landslides) से अब तक 30 लोगों की मौत (30 people died) हो चुकी है. एएसडीएमए ने बताया कि कछार, दीमा हसाओ, हैलाकांडी, होजई, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, मोरीगांव और नगांव जिले के 5 लाख 61 हजार 100 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक नगांव जिले के 3.68 लाख लोग बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं. वहीं कछार जिले में लगभग 1.5 लाख लोग और मोरीगांव जिले में 41,000 से अधिक लोग प्रभावित हैं. बीते गुरुवार को एक अंतर मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT) गुवाहाटी पहुंची. फिर राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के नुकसान के आंकलन के लिए राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग अधिकारियों के साथ बातचीत की. एएसडीएमए ने एक बयान में कहा कि नुकसान का आंकलन तेजी से करने के लिए IMCT सदस्यों को दो समूह में बांटा गया है, जो प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे. पहला समूह कछार और दीमा हसाओ जिलों का दौरा करेगा, जबकि दूसरा समूह दरांग, नगांव और होजई का दौरा करेगा।
एएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में, 956 गांव जलमग्न हैं और पूरे असम में 47,139.12 हेक्टेयर के फसल को नुकसान पहुंचा है. अधिकारी छह जिलों में 365 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहे हैं, जहां 13,988 बच्चों सहित 66,836 लोग शेल्टर में हैं. अब तक 1,243.65 क्विंटल चावल, दाल और नमक, 5,075.11 लीटर सरसों का तेल, 300 क्विंटल पशु चारा और अन्य बाढ़ राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है।