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अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा डेल्टा वायरस का असर, यूरोपीय शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट

विश्व में डेल्टा कोरोनावायरस संक्रमण में बढ़ोतरी के चलते, कई देशों ने विदेश यात्राओं को प्रतिबंधित किया हुआ है। जिसका सीधा असर वहां की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है और शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की जा रही है। सोमवार को यूरोपीय शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई, खासतौर से यात्रा संबंधी शेयर फरवरी के बाद से अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए। मौजूदा स्थिति को देखते हुए आशंका जाहिर की जा रही है कि, संक्रमण में बढ़ोतरी वैश्विक आर्थिक सुधार को कमजोर कर सकता है।

यात्रा प्रतिबंधों का व्यापक प्रभाव

डेल्टा संक्रमण के बढ़ते मामले के कारण यूके में सूचीबद्ध क्रूज ऑपरेटर कार्निवल पीएलसी, एयरलाइंस इजीजेट और ब्रिटिश एयरवेज के आईएजी के शेयरों में 4फीसदी से 6.7फीसदी की गिरावट हुई है। वहीं, बीपी और रॉयल डच शेल जैसे तेल प्रमुखों के शेयरों में 1.5फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। क्योंकी ओपेक+ के मंत्रियों ने अगस्त से आपूर्ति बढ़ाने पर सहमती जाहिर की है, जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हुई है। वहीं, सरकारी बॉन्ड यील्ड में गिरावट के साथ, अन्य आर्थिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों जैसे खनन, ऑटोमोबाइल और बैंकों में भी गिरावट दर्ज की गई है। क्योंकि संक्रमण में बढ़ोतरी ने रिकवरी की संभावनाओं को प्रभावित किया है।

संक्रमण के कारण रिकवरी कमजोर

पिछले दो हफ्तों के दौरान अखिल यूरोपीय स्टोक्स 600 सूचकांक में 1.2फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं जर्मन डीएएक्स 1.1फीसदी और फ्रांस का सीएसी 40, 1.3फीसदी गिरा। साथ ही यूके का एफटीएसई 100, 1.2फीसदी नीचे फिसल गया, क्योंकि संक्रमण के बढ़ते मामलों ने इंग्लैंड में प्रतिबंधों को हटाए जाने की संभावनाओं को समाप्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, फरवरी से लेकर अब तक यूरोप की यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में 2.9 फीसदी की गिरावट आई है, जो कि अब तक का सबसे निम्न स्तर है। वहीं, ब्रिटेन की सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि, वो फ्रांस के यात्रियों के लिए क्वारंटाइन के नियमों में छूट को हटाने के बारे में विचार कर रहे हैं। आंकड़ो के मुताबिक, मौजूदा वक्त में यूके में कोरोना के कुल 48हजार 161 मामले हैं। वहीं, फ्रांस के एक मंत्री ने अपने बयान में कहा है कि, अगर संक्रमण के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी जारी रहती है तो सख्त प्रतिबंधों को फिर लागू करने से इंकार नहीं किया जा सकता है।