अफगानिस्तान पर तालिबान को कब्जा हुए दो सप्ताह हो चुके हैं लेकिन अब तक यहां के पंजशीर को तालिबान कब्जा नहीं सका है। इस बीच रविवार को तालिबान ने पंजशीर घाटी में इंटरनेट ही बंद करवा दिया। तालिबान पंजशीर को दुनिया से काटना चाहता है। बताया जा रहा है कि तालिबान ने पंजशीर में इंटरनेट पर इसलिए रोक लगाई है, ताकि अमरुल्ला सालेह कोई ट्वीट न कर सकें। अमरुल्ला सालेह ट्विटर पर लगातार एक्टिव हैं और तालिबान के खिलाफ ट्वीट कर रहे हैं। उन्होंने शनिवार को ही ट्वीट किया था , जिसका मतलब होता है ‘प्रतिरोध‘। सालेह के ट्वीट से पंजशीर के लड़ाकों को बल मिला हैै। पंजशीर अफगानिस्तान का एकमात्र ऐसा प्रांत है जिसको तालिबान अब तक कब्जा नहीं सका है।
पंजशीर पहुंचने से पहले तालिबान के 300 से अधिक लड़ाके मारे गये। कई तालिबान विरोधी पंजशीर में जमा हैं। अफगानी कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह भी पंजशीर घाटी में ही मौजूद हैं और वहीं से तालिबानियों को ललकार रहे हैं। पंजशीर की लड़ाई तालिबान को उखाड़ फेंकने की है।
इससे पहले शनिवार को तालिबान ने दावा किया था कि उसके लड़ाके पंजशीर में घुस गए हैं लेकिन अहमद मसूद ने इस दावे को खारिज कर दिया था। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान ने 15 अगस्त को कब्जा कर लिया था, जिसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए थे। अशरफ गनी के जाने के साथ तालिबानियों को हौसला बढ़ गया। उस वक्त उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के भी देश छोड़ने की खबरें थीं। हालांकि, बाद में अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट कर बताया था कि देश में ही हैं. फिलहाल अशरफ गनी यूएई में हैं।