अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव होने में अब बस दो दिन शेष रह गए हैं लेकिन उससे पहले ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक अमरीकी अदालत ने लोकप्रिय चाइनीज ऐप टिक टॉक को बैन करने के ट्रंप के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह रोक दो टिक टॉक यूजर्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई है। पेंसिल्वेनिया कॉमेडियन और अन्य दो ने ट्रंप के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि टिक टॉक को बैन करना उनके मुक्त होकर बोलने की आजादी के खिलाफ है।
शुक्रवार को अमरीकी जिला न्यायाधीश वेंडी वीटलस्टोन ने अगले आदेश तक वाणिज्य विभाग की ओर से की जाने वाली कार्रवाई पर रोक लगा दी है। वाणिज्य विभाग अगले कुछ दिनों में टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में महत्वपूर्ण कदम उठाने वाली थी।
आपको बता दें कि ट्रंप सरकार ने चीनी कंपनी बाइटडांस की डाउटर कंपनी टिक टॉक को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया था। ट्रंप सरकार का कहना है कि टिक टॉक यूजर्स के डाटा का चारी और जासूसी करने की पूरी संभावना है। इसी के मद्देनजर ट्रंप प्रशासन की ओर से टिक टॉक को बैन करने को लेकर जारी किए गए कार्यकारी आदेश को 12 नवंबर को लागू करने के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन अब कोर्ट के फैसले के बाद 12 नवंबर को टिक टॉक पर बैन नहीं लग सकेगा।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब टिक टॉक बैन करने को लेकर ट्रंप सरकार की ओर से लिए गए फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है। इससे पहले सितंबर में अमरीकी संघीय जज ने राष्ट्रपति ट्रंप के TikTok बैन फैसले को स्थगित कर दिया था। अमरीका में टिक टॉक (Tik Tok) के करीब 100 मिलियन यानी 10 करोड़ यूजर्स हैं।
इधर, इस फैसले के बाद से वाणिज्य विभाग और व्हाइट हाउस की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि वह 1977 के कानून के तहत राष्ट्रपति ट्रंप आपातकालीन प्राधिकरण का उपयोग कर रहे हैं, जो कि एक राष्ट्रपति को असामान्य खतरों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्य को विनियमित करने में सक्षम बनाता है।