राजधानी लखनऊ में शुक्रवार की शाम एक ठेकेदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना गोसाइंगंज इलाके में भूमि विवाद को लेकर हुई है। बताया जा रहा है कि ट्रस्ट की जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य को लेकर वहां पर मौजूद मंदिर के पुजारियों को आपत्ति थी।
इसके बाद विवाद हुआ और पुजारियों ने मिलकर ठेकेदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी। वारदात की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल शुरू की।
ठेकेदार की पहचान निर्मल अग्निहोत्री के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि भूमि को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था और पहले भी पुजारियों और ठेकेदार के बीच विवाद हो चुका था। यूपी में पीट-पीटकर हत्या की 24 घंटे में तीसरी वारदात हुई है। इससे पहले गुरुवार की शाम गोरखपुर में शराब को लेकर कर्मचारी मनीष और संभल में रोटी को लेकर ट्रांसपोर्टर खेमपाल सैनी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
मूल रूप से हरदोई के जयसिंह बालागंज निवासी निर्मल कस्बे में पत्नी शशि, बेटों प्रशांत व प्रतीक के साथ रहता था।
स्थानीय लोगों के अनुसार निर्मल शाम करीब छह बजे मंदिर परिसर के पास भरे पानी को मजदूरों से निकलवा रहा था। इसी दौरान मंदिर के पुजारियों चन्द्र पाल उर्फ बबलू व उसके भाई ओम प्रकाश उर्फ सत्तू से उसे बात करने के बाद बहाने अंदर बुलाया। निर्मल अंदर चला गया और कुछ देर बाद ही वहां लड़ाई की आवाज सुनायी देने लगी। लोग कुछ समझ पाते, तभी तीन-चार पुजारी व उनके साथियों ने खून से लथपथ निर्मल को गेट के बाहर छोड़ा और भाग निकले। मजदूर व आस पास के लोगों ने ट्रस्ट संचालक गणेश को सूचना दी और निर्मल को लेकर अस्पताल गये। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के मुताबिक निर्मल के सिर पर चोट के कई निशान थे। पैर में दो-तीन जगह फ्रैक्चर था। गले पर कसाव के निशान थे। इसी आधार पर ही माना जा रहा है कि हमलावरों ने उसकी बेरहमी से लात-घूसों व डण्डे से पिटाई की है। शोर मचाने पर उसका गला भी दबाया। इस बीच ही सूचना पाकर पत्नी व बेटे बदहवाश से अस्पताल पहुंचे। निर्मल को मृत देखकर पत्नी शशि बेसुध हो गई। लोगों ने किसी तरह उसे सम्भाला।
ग्रामीणों ने बताया कि कस्बे में बने इस मंदिर के अदंर पुजारियों के दो गुट है।
एक गुट संचालक की तरफ का है जबकि दूसरा गुट मंदिर परिसर में निर्माण होने के बाद से नाराज चल रहा है। इस निर्माण को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। संचालक गणेश के मुताबिक एक निजी बैंक ने परिसर में शाखा खोलने के लिये सम्पर्क किया था। बात तय होने के बाद उन्होंने निर्माण शुरू कराया था, ताकि ट्रस्ट की आय बढ़े। पर, पुजारी इसका विरोध कर रहे थे। इंस्पेक्टर गोसाईंगंज का कहना है कि इसमें पुजारी चन्द्र प्रकाश, उसके भाई ओम प्रकाश, भीष्म उर्फ पिन्टू, पप्पू और इनके साथी रविन्द्र कुमार, धर्मराज को नामजद कराया गया है। ये सभी फरार है। इनके परिवार के तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है।