पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद से खलबली मची हुई है। और अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा के ट्वीट ने राजनीति में आग का काम किया है, इस ट्वीट में उन्होने पार्टी हाईकमान को निशाना साधा है। लोकेश शर्मा ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री गहलोत को भेजे गये इस्तीफे में उन्होने लिखा, इस पर आपको निर्णय करना है।
तंज कस्ते हुए किया ट्वीट
शनिवार को लोकेश शर्मा ने बिना नाम लिये तंज कसते हुए ट्वीट किया है। उन्होने लिखा, मजबूत को मजबूर, मामूली को मगरुर किया जाए, बाड़ ही खेत को खाए, उस फसल को कौन बचाए, इस ट्वीट पर लोगों ने सोशल मीडिया पर लोकेश पर खूब ट्रोल किया। बताया जा रहा है कि पंजाब के मामले में ये पार्टी हाईकमान के निर्णय की आलोचना है, इसमें इशारों में अमरिंदर सिंह को मजबूत किया है। इसे गहलोत की भावना के रुप में भी जोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि गहलोत ने खुद ही लोकेश शर्मा का इस्तीफा लिया है। लोकेश गहलोत के ओएसडी के रुप में मीडिया से संबंधित काम देखते हैं।
पंजाब से है जुड़ा
ओएसडी लोकेश शर्मा ने मुख्यमंत्री गहलोत को अपने ट्वीट के संदर्भ में सफाई देते हुए पत्र लिखा। उन्होने पत्र में लिखा, कि आदरणीय मुख्यमंत्री जी, आज दिन में मेरे द्वारा किये गये ट्वीट को राजनैतिक रंग देते हुए गलत अर्थ निकालकर पंजाब के घटनाक्रम से जोड़ा जा रहा है। श्रीमान से निवेदन है कि 2010 से मैं ट्विटर पर सक्रिय हूं,
मैंने आज तक पार्टी लाइन से अलग कांग्रेस के किसी भी छोटे से बड़े नेता के संबंध में प्रदेश की कांग्रेस सरकार को लेकर कभी कोई शब्द नहीं लिखे हैं, जिन्हें गलत कहा जा सके।
नहीं किया ऐसा ट्वीट
उन्होंने आगे लिखा, आपके द्वारा ओएसडी की जिम्मेदारी देने के बाद से मेरी सीमाओं और मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए कभी कोई राजनैतिक ट्वीट नहीं किया है। मैंने हमेशा प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री की बात, सरकार के निर्णय, जनकल्यणकारी योजनाओं और सरकार की सकारात्मक मंशा को ही आगे बढाने का प्रयास किया, या सरकार के कार्यकलाप और सरकार की और सीएम की छवि को धूमिल करने वाले लोगों को तथ्यों के बाहर जवाब देकर उनके द्वारा फैलाये जाने वाले भ्रामक प्रचार को रोकने का प्रयास किया।
विशेषाधिकार से भेज रहा हूं इस्तीफा
मैं तकरीबन रोजाना ही ट्वीट करता हूं, श्रीमान मेरे आज के ट्वीट से किसी भी रुप में पार्टी, सरकार या आलाकमान की भावनाओं को अगर कोई ठेस पहुंची हो, तो मैं करबद्ध रुप से क्षमा चाहता हूं। मेरी मंशा, मेरे शब्द और मेरी भावना किसी को भी किसी भी रुप में ठेस पहुंचाने वाली नहीं थी। ना कभी होगी, माननीय फिर भी यदि आपको लगता है कि मेरे द्वारा जान-बूझकर कोई गलती की गई है, तो मैं आपके विशेषाधिकारी पद से इस्तीफा भेज रहा हूं, फैसला आपको करना है।