योगी सरकार ने प्राविधिक शिक्षा विभाग (डिप्लोमा सेक्टर) के तहत अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के विनियम-2019 के अनुसार उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा (अध्यापन) सेवा नियमावली को मंजूरी दे दी है। यह फैसला योगी कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इससे पॉलीटेक्निक संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती व प्रोन्नति एआईसीटीई के नए नियमों से होगी। इससे शिक्षकों का पदनाम व वेतनमान भी बदल जाएगा।
पॉलीटेक्निक संस्थानों में अभी तक शिक्षकों की भर्ती एवं प्रोन्नति पुराने नियमों से हो रही थी। एआईसीटीई ने पॉलीटेक्निक के शिक्षकों के लिए नई अर्हताएं एवं नए वेतनमान का प्रावधान किया था। सातवां वेतनमान लागू होने के बाद एआईसीटीई के प्रावधानों के अनुसार वेतनमान में भी बढ़ोत्तरी होनी थी। प्रदेश सरकार ने एआईसीटीई की सिफारिशों को लागू करने का फैसला तो काफी पहले ले लिया था लेकिन नियमावली न पाने की वजह से वह लागू नहीं हो पा रही थीं। यह सेवा नियमावली बनने में हो रहे विलंब के कारण शिक्षकों में काफी नाराजगी थी।
उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा सेवा संघ के महासचिव राज बहादुर सिंह ने सेवा नियमावली बनवा पाने में विफल रहने के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले वह शासन पर लगातार दबाव बनाए हुए थे। अब कैबिनेट के फैसले पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की है। कैबिनेट ने छह नए बने राजकीय पॉलीटेक्निक व छह नए बने राजकीय औद्योगिक संस्थानों (आईटीआई) को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर संचालि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसकी कवायद लंबे समय से चल रही थी। हालांकि कर्मचारी व शिक्षकों के संगठन इस प्रस्ताव का विरोध करते रहे हैं।