इंडिया गेट (India Gate) पर स्थित अमर जवान ज्योति (Amar Jawan Jyoti) का आज नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) की ज्योति के साथ विलय कर दिया गया (Merged) । अब ज्योति यहीं जलेगी (Now Jyoti will Burn Here) । भारत ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर अब इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है ।
केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस और विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस ने अमर जवान ज्योति की लौ को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने के फैसले को शहीदों का अपमान बताया। उधर, सरकार का कहना है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझाई नहीं जा रही, इसका सिर्फ विलय किया जा रहा है। 1972 में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण हुआ था। इसका निर्माण 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में किया गया था। इस युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है। इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के रूप में जलने वाली आग की लौ का गणतंत्र दिवस से पहले शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलने वाली लौ में विलय कर दिया गया।
अमर जवान ज्योति को बुझाने को लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे! वहीं आप नेता संजय सिंह ने भी ट्वीट कर लिखा कि मोदी जी आप न किसान के हैं न जवान के। 1971 के भारत-पाक युद्ध में हमारे जवानों ने अपनी शहादत दी उनकी याद में 50 वर्षों से ये अमर जवान ज्योति जल रही है। आप उस ज्योति को बुझाकर वीर जवानो की शहादत का अपमान कर रहे हैं। ये देश आपको माफ़ नहीं करेगा।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने और सेना के शौर्य पर सवाल उठाने वाले आज देशप्रेम और बलिदान की बातें कर रहे हैं। देश के सैन्य मनोबल को कमजोर करते हुए राजनीति चमकाने की हड़बड़ी में कांग्रेस के युवराज से हमेशा गड़बड़ी हो ही जाती है। उधर, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, मैंने राहुल गांधी को गंभीरता से लेना काफी पहले बंद कर दिया है। जो उन्होंने 70 साल नहीं बनाया वो हमने बनाया, अब वॉर मेमोरियल बन गया है। वो जो कह रहे हैं, कहने दो। हम अमर जवान ज्योति बुझा नहीं रहे, बल्कि इसका विलय कर रहे हैं।
कांग्रेस और विपक्ष के आरोपों पर सरकार के सूत्रों ने बताया कि अमर जवान ज्योति को लेकर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। अमर जवान ज्योति की लौ बुझाई नहीं जा रही है। इसे नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ के साथ मर्ज (विलय) किया गया है । सरकार के सूत्रों के मुताबिक, यह देखना अजीब था कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई नाम वहां मौजूद नहीं है। इंडिया गेट पर अंकित नाम केवल उन शहीदों के हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी थी। ऐसे में यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक हैं।
1971 समेत भारत के सभी युद्धों में शहीद जवानों के नामों को नेशनल वॉर मेमोरियल में शामिल किया गया है। यह हमारे शहीद जवानों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। सरकार ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, विडम्बना यह है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हमारे शहीदों को स्थाई और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं।