संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी आगाह किया है कि अफगानिस्तान के लोग बेहद गंभीर हालातों का सामना करने को मजबूर हैं। उनकी हालत बेहद खराब है। ऐसे में उनकी तत्काल मदद की सख्त जरूरत है। संगठन ने ये भी कहा है कि यहां पर एक लगातार अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। वहीं यहां के बदतर होते हालातों में एक बड़ा मानवीय संकट मंडराता नजर आ रहा है। आपको बता दें कि अफगानिस्तान की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र ने विश्व के सभी देशों से वित्तीय मदद देने को कहा है, जिससे वहां के लोगों की मदद की जा सके।
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजैरिक ने 13 सितंबर को इसके लिए एक सम्मलेन आयोजित किया गया है जिसमें वित्तीय मदद एकत्रित करने की मुहिम को तेज किया जाएगा, जिससे अफगानिस्तान में मानवीय सहायता अभियान जारी रह सके। आपको बता दें कि वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने चेताया है कि अफगानिस्तान में केवल इसी माह का खाद्यान्न मौजूद है। ऐसे में यदि तुरंत मदद न पहुंचाई गई तो वहां के हालात और खराब हो जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान के लाखों जरूरतमंदों को मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। यूएन ने ये भी कहा है कि वहां पर बीते दो दशक के दौरान जो विकास कार्य हुए हैं उनको भी बरकरार रखना एक चुनौती है।
संयुक्त की शरणार्थी एजेंसी के प्रवक्ता बाबर बलोच का कहना है कि अफगानिस्तान में विस्थापन संकट पैदा हो गया है। मौजूदा वर्ष में ही अब तक करीब छह लाख लोग देश में ही विस्थापित होकर रह गए हैं। इनमें 80 फीसद महिलाएं और बच्चे हैं। बलोच ने अपील की है कि इन लोगो से इस वक्त ध्यान हटाना संभव नहीं है। इससे नजरें हटाकर वहां पर मानवीय त्रासदी को बुलावा नहीं दिया जा सकता है। उनके मुताबिक अब से पहले कभी पाकिस्तान और ईरान से लगते अफगानिस्तान की सीमा पर लोगों की ऐसी भीड़ नहीं देखी गई है.