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अफगानिस्तान में पिछले 24 घंटे में सुरक्षाकर्मियों ने तालिबान के 111 आतंकियों को मार गिराया, काबुल में धमाके से सात लोगों की मौत

अफगानिस्तान में पिछले 24 घंटे के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने तालिबान के 111 आतंकियों को मार गिराया। आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि सरकारी बलों की जमीनी और हवाई कार्रवाइयों में 111 तालिबानी आतंकी मारे गए और 79 अन्य घायल हुए। सरकारी बलों ने यह कार्रवाई वरदक, उरुजगन, जाबुल, बदगिस, फरयाब, निमरुज, हेलमंड, ताखर और बदख्शां प्रांतों में पिछले 24 घंटों के दौरान की। बयान के अनुसार, सुरक्षा बलों ने 12 विस्फोटक उपकरणों का भी पता लगाकर उन्हें नाकाम कर दिया।

आंतरिक मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि इस कार्रवाई के दौरान कोई सैनिक भी मारा गया है अथवा नहीं। हालांकि, गोर प्रांत के तोलक जिले के गवर्नर सलमान यूसुफी ने कहा कि तालिबान आतंकियों के साथ लड़ाई में 20 सैनिक मारे गए हैं और इतने ही घायल हुए हैं। इसके अलावा 10 सैनिकों को तालिबान ने पकड़ लिया है। अमेरिका ने जबसे अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने का आधिकारिक रूप से एलान किया है, तबसे तालिबान आतंकियों ने प्रांतीय राजधानी, जिलों और अन्य ठिकानों पर हमले तेज कर दिए हैं।

इस बीच, अफगानिस्तान के दो सांसदों आमिर मुहम्मद खाकसर और सैयद हयातुल्ला अलीमी ने उत्तरी प्रांत में कुछ और हिस्से तालिबान के हाथों में जाने से रोकने के लिए अतिरिक्तसैनिकों को तैनात करने की मांग की है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो महीने के दौरान कम-से-कम 17 जिले तालिबान के कब्जे में जा चुके हैं। तोलो न्यूज के अनुसार, दोनों सांसदों ने कहा कि गुरुवार को तालिबान ने इस्कमिस और सोमा काला जिलों पर नियंत्रण कर लिया।

तुर्की के प्रस्ताव का तालिबान ने किया विरोध

तालिबान ने तुर्की के उस प्रस्ताव का विरोध किया है, जिसमें उसने काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा का प्रस्ताव दिया था। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि 2020 के समझौते के अनुसार, तुर्की को अफगानिस्तान छोड़ना ही होगा। इससे पहले तुर्की ने कहा था कि यदि नाटो गठबंधन उसे आर्थिक, रणनीतिक और राजनीतिक समर्थन देगा तो वह 500 सैनिकों के साथ काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा करने के लिए तैयार है।

पश्चिमी काबुल में धमाके से सात लोगों की मौत

काबुल का पश्चिमी हिस्सा शनिवार को दो धमाकों से दहल उठा। अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने बताया कि इन धमाकों से कम-से-कम सात लोगों की मौत हो गई। अल्पसंख्यक हजारा समुदाय बहुल इलाके के पड़ोस में यह घटना हुई। इस महीने की शुरुआत में भी इस इलाके में बस पर हमला कर 12 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी।