अफगानिस्तान में करीब दो दशकों के बाद एक बार फिर तालिबान (Taliban) का प्रभाव बढ़ गया है. दक्षिण एशियाई देश के बिगड़ते हालात से जुड़े कई वीडियो सामने आए, जहां लोग मुल्क छोड़ने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. इसी तरह हाल ही में एक छोटी अफगान बच्ची का भी वीडियो सामने आया है, जहां वह बता रही है कि दुनिया अफगानिस्तान के साथ कैसा बर्ताव कर रही है. साथ ही बच्ची यह भी कह रही है कि युद्ध से जूझते इस देश को जल्द ही भुला दिया जाएगा.
ईरानी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने शुक्रवार को ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था. उन्होंने कैप्शन लिखा, ‘नाउम्मीद अफगान बच्ची के आंसू, जिसके सपने टूट गए हैं. क्योंकि तालिबान देश में बढ़ रहा है.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘अफगानिस्तान की महिलाओं के लिए मेरा दिल टूटा है. दुनिया ने उन्हें असफल कर दिया. इतिहास इसे लिखेगा.’ वीडियो में बच्ची कह रही है, ‘हम गिने नहीं जाएंगे, क्योंकि हम अफगानिस्तान से हैं. हम इतिहास में धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे.’
करीब 45 सेकंड के इस वीडियो में बच्ची लगातार रोती हुई नजर आ रही है. वह कह रही है, ‘मैं रोना बंद नहीं कर सकती. इस वीडियो को बनाने क लिए मुझे अपने आंसू पोंछने होंगे. कोई भी हमारे बारे में चिंता नहीं करता है. हम इतिहास में धीरे-धीरे मर जाएंगे. यह मजाक नहीं है.’ वीडियो सामने आने के बाद लोग लगातार इसपर प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. अफगानिस्तान में अपने पिछले शासन के दौरान तालिबान ने महिलाओं के घर के बाहर काम करने या स्कूल जाने पर रोक लगा दी थी. महिलाएं अपने पुरुष रिश्तेदार के साथ ही घर से बाहर जा सकती थीं और उन्हें इस दौरान बुर्का पहनना जरूरी था. लोगों को अब डर है कि दो दशकों में महिलाओं को मिली आजादी तालिबान के आने के बाद खत्म हो जाएगी. साथ ही एनजीओ कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के भी काम करने पर पाबंदियां लग जाएंगी.
"We don't count because we're from Afghanistan. We'll die slowly in history"
Tears of a hopeless Afghan girl whose future is getting shattered as the Taliban advance in the country.
My heart breaks for women of Afghanistan. The world has failed them. History will write this. pic.twitter.com/i56trtmQtF
— Masih Alinejad 🏳️ (@AlinejadMasih) August 13, 2021
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े बताते हैं कि तालिबान की तरफ से इस्लाम के कड़े नियम लागू किए जाने के डर से मई के अंत के बाद से अब तक करीब 2 लाख 50 हजार अफगान अपना घर छोड़कर भागे हैं.