अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत में शनिवार को अफगान रक्षा बलों और आतंकवादी समूह के बीच हुए भीषण संघर्ष में 20 तालिबान आतंकी मारे गए। प्रांस के सैन्य अधिकारी कैप्टन अब्दुल रजाक ने बताया कि पिछले 24 घंटे में इस प्रांत में 20 आतंकवादी मारे गए जबकि इनसे संघर्ष करते हुए तीन सैनिकों की भी मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, दस अन्य आतंकियों और पांच सुरक्षाकर्मियों के घायल होने की खबरें हैं। कुछ स्थानीय लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तालिबान लड़ाकों ने पिछले 24 घंटे में बदख्शां के तगाब, किशिम, ताशकन और शहर-ए-बुजुर्ग के मुख्यालयों पर कब्जा कर लिया है।
अमेरिकी और नाटो सेनाओं की वापसी के साथ ही क्षेत्र में तालिबान हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। तालिबान ने नागरिकों और अफगान रक्षा व सुरक्षा बलों के खिलाफ अपना आक्रमण तेज कर दिया है। हालांकि बदख्शां में प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता निक मोहम्मद नजरी ने बताया कि तालिबान ने यहां कब्जा नहीं किया, लेकिन लड़ाई जारी है।
अगस्त तक अफगान ठिकानों से अमेरिकी सेना कर लेगी वापसी
अफगानिस्तान से 20 साल बाद इस युद्धग्रस्त देश के सबसे अहम बगराम एयरफील्ड से सैन्य वापसी के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि अगस्त के अंत तक अफगान ठिकाने से अमेरिकी सेनाओं की पूर्ण वापसी कर ली जाएगी।
हलांकि किर्बी ने कहा कि अफगानिस्तान में राजनयिकों और खास जगहों की सुरक्षा के लिए अमेरिकी सैनिकों की यहां बहुत कम संख्या में तैनाती रहेगी। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति बाइडन ने पहले ही कह दिया था कि अब अफगान सरकार को अपने फैसले खुद लेने होंगे। अमेरिकी सैनिकों को 11 सितंबर तक देश छोड़ने के आदेश हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की घोषणा के मुताबिक अमेरिकी सेना ने करीब 20 वर्ष से अफगानिस्तान में जारी युद्ध के बाद बगराम एयरफील्ड को छोड़ दिया है। यह एयरफील्ड तालिबान को खदेड़ने व 9/11 हमले के बाद अलकायदा आतंकियों की धरपकड़ के लिए सेना का सबसे अहम केंद्र रहा है।
अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर बताया कि एयरफील्ड ‘अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रक्षा बल’ को पूरी तरह से सौंप दिया गया है। 11 सितंबर 2021 को अमेरिकी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले को 20 साल पूरे हो जाएंगे और एक मई से अमेरिका ने सैन्य वापसी का फैसला लिया गया है जो 11 सितंबर तक पूरा होना है। एक अधिकारी के मुताबिक, बलों की रक्षा का अधिकार व क्षमताएं अफगानिस्तान में अब भी अमेरिका के शीर्ष कमांडर जनरल ऑस्टिन एस मिलर के पास हैं। अमेरिका द्वारा इस क्षेत्र को छोड़ने से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि अफगानिस्तान में बचे आखिरी अमेरिकी सैनिक यहां से निकल चुके हैं या इसे छोड़कर जाने वाले हैं।