पिछले कुछ महीनों से चीन, भारत की सरहदों पर घुसपैठ करने की कोशिशों में लगा हुआ है, जिससे दोनों देशों में तनाव गहराता जा रहा है। लद्दाख में भारतीय सेना से मात खाने के बाद अब चीन पूर्वोत्तर में तनाव बढ़ाने की कोशिश में लगा है। अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा के पास एयरबेस और रेल नेटवर्क के विस्तार के बाद अब जिनपिंग प्रशासन एक नए बांध का निर्माण करने जा रहा है। यह बांध ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाया जाएगा, जिसे चीन में यारलुंग त्सांग्पो के नाम से जाना जाता है।
थ्री जॉर्ज डैम के बराबर होगी नए डैम की योजना
चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर जिस नए डैम को बनाने की योजना बना रहा है वह उसके थ्री जॉर्ज डैम के बराबर की होगी, हालांकि अभी तक इस परियोजना को लेकर चीन ने कोई बजट जारी नहीं किया है। विशेषज्ञों के अनुसार चीन अरुणाचल प्रदेश को शुरू से मान्यता देने से इंकार करता रहा है। ऐसे में संभावना है कि चीन इस बांध का उपयोग अपने रणनीतिक फायदे के लिए भी करे।
इस नदी पर लगभग 11 छोटे-बड़े बांध बना चुका है चीन
ब्रह्मपुत्र नदी चीन के कब्जे वाले तिब्बत से निकलकर भारत में अरुणाचल प्रदेश के रास्ते प्रवेश करती है। चीन की सरकार पहले ही इस नदी पर लगभग 11 छोटे-बड़े बांध बना चुकी है। आम दिनों में इस नदी में पानी की मात्रा सामान्य रहती है। जबकि, बरसात के मौसम में चीन के बांध भरने के बाद प्रवाह में आई तेजी के कारण असम और बांग्लादेश को हर साल भीषण बाढ़ से जूझना पड़ता है।
पिछले एक दशक से चीन इस नदी के ऊपर कम से कम 11 पनबिजली परियोजनाएं संचालित कर रहा है। इनमें से सबसे बड़ी परियोजना का नाम ज़ंगमू है। यह परियोजना 2015 से अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रही है इसके अलावा तिब्बत के बायू, जीइशी, लंग्टा, डाकपा, नांग, डेमो, नामचा और मेटोक शहरों में हाइड्रोपावर स्टेशन या तो बनाए जा रहे हैं या फिर प्रस्तावित हैं।