पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित छात्र नेता अनीस खान हत्याकांड (Anis Khan Murder) के मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. जिला जज और एसआईटी ने मिलकर यह रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल की है. राज्य सीआईडी के सूत्रों ने बताया है कि 20 पन्नों की चार्ज शीट रिपोर्ट पेश की गई है. इसमें गवाहों के बयान के आधार पर रिपोर्ट दाखिल हुई है. इसके अलावा इस मामले में गिरफ्तार एक होमगार्ड और सिविक वॉलिंटियर के बयान को भी चार्ज सीट में शामिल कर जमा की गई है. एसआईटी ने दावा किया है कि इस संबंध में गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों से पूछताछ कर अन्य अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है. इसके अलावा इसमें राज्य पुलिस की सीधी मिलीभगत से भी प्रारंभिक तौर पर इंकार किया गया है. हालांकि कोर्ट ने सवाल किया कि ओसी को छुट्टी पर भेज दिया गया और उससे पूछताछ क्यों नहीं हुई है.
उल्लेखनीय है कि 18 फरवरी को रात के समय हावड़ा के आमता स्थित खान के घर पुलिस की वर्दी में चार लोग पहुंचे थे जिन्होंने कथित तौर पर तीन मंजिला इमारत की छत से खान को नीचे फेंक दिया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई थी. परिवार इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहा है जबकि राज्य सरकार एसआईटी गठित खामोश हो गई है. हाईकोर्ट के आदेश पर शव का दोबारा पोस्टमार्टम हुआ है और दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है. यह हत्याकांड राज्य की राजनीति में काफी सुर्खियां बटोरी थी। तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर सभी पार्टियों ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की है.
आमता थाने के ओसी से पूछताछ नहीं किये जाने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी
अनीस खान की मौत को कई दिन बीत चुके हैं. छात्र नेता की मौत के लिए असल में कौन जिम्मेदार है, इसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है. उस मामले में राज्य पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच रिपोर्ट सौंपी थी. हालांकि कोर्ट ने सवाल किया कि मामले में ओसी से सवाल क्यों नहीं किया गया. अनीस खान हत्याकांड में कोर्ट की निगरानी में मामला दर्ज कर सीबीआई जांच की मांग की गई थी. शुक्रवार को उस मामले की सुनवाई थी. सुनवाई न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की अदालत में हुई. सुनवाई की शुरुआत में राज्य सरकार ने विशेष जांच दल या विशेष जांच दल द्वारा दी गई सीलबंद रिपोर्ट अदालत को सौंपी. इस दिन जज ने राज्य के महाधिवक्ता से पूछा कि क्या आमता थाने के ओसी देवव्रत चक्रवर्ती का बयान दर्ज किया गया है. राज्य सरकार के मुताबिक उनका बयान दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 161 के तहत दर्ज किया गया है.
अगले सोमवार को आरोपियों से होगी पूछताछ
लेकिन राज्य ने बताया है कि धारा 164 के तहत अभी तक कोई बयान क्यों दर्ज नहीं किया गया है. और कोर्ट का सवाल है कि गुप्त बयान लेने में इतनी देर क्यों हो रही है? राज्य ने उन्हें छुट्टी पर भेज दिया, लेकिन यह सवाल नहीं किया कि सवाल क्यों उठाया गया. राज्य ने दावा किया है कि शव परीक्षण और अन्य रिपोर्टों के बावजूद फोरेंसिक रिपोर्ट आने में और दो सप्ताह लगेंगे. कोर्ट ने अनीस के पिता के वकील बिकास रंजन भट्टाचार्य की रिपोर्ट की कॉपी सौंपने का निर्देश दिया. शुक्रवार शाम तक रिपोर्ट की कॉपी मांगी गई है. अगले सोमवार को आरोपियों से पूछताछ की जाएगी.