पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के बयान के बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन सामने आ रहा है. शुक्रवार को यूपी समेत कई राज्यों में हिंसा और बवाल देखने को मिला. इसके बाद से यूपी सरकार ताबड़तोड़ कर रही है. इस मामले में अब विपक्ष के नेताओं के बयान आने लगे हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश से लेकर अन्य दलों के नेताओं ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया. इसमें कुछ युवकों की पुलिस वाले पिटाई कर रहे हैं. अखिलेश ने लिखा- उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ खो देगा अपना इकबाल. उन्होंने आगे कहा- यूपी हिरासत में मौतों के मामले में नंबर- 1.यूपी मानवाधिकार हनन में अव्वल. यूपी दलित उत्पीड़न में सबसे आगे है. इससे पहले अखिलेश ने कहा था कि वक्त रहते ही उठाए हुए कदम, भर देते हैं गहरे-से-गहरे जख्म.
वहीं, भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने ट्वीट किया और लिखा- भाजपा शासन में बुलडोजर सिर्फ मकानों को ध्वस्त नहीं कर रहा है, बल्कि संविधान और अदालत को भी तार-तार कर रहा है. सवाल यह है कि जिनके मकान ध्वस्त किये गए हैं, कल अगर वे अदालत से बरी हो जाते हैं, तब उनके मकानों को तोड़ने वाले अधिकारियों से उनके नुकसान की वसूली की जाएगी?
वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अगर नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पहले ही गिरफ्तार कर लिया होता तो यूपी में हिंसा से बचा जा सकता था. उन्होंने बीजेपी सरकार पर विवादित टिप्पणी करने वाले लोगों को बचाने का आरोप लगाया. राजभर ने कहा कि सरकार को विवादास्पद टिप्पणी करने वालों और कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन निर्दोषों को परेशान नहीं करना चाहिए.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को विवादास्पद टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर किसी को भी हिंसा में शामिल नहीं होना चाहिए और ना ही पुलिस को कानून अपने हाथ में लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने नूपुर पर समय से कार्रवाई नहीं की, इसी वजह से एक बड़ा विवाद पैदा हो गया. अब नूपुर शर्मा को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. कानून के अनुसार, उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए. ओवैसी ने कहा कि नूपुर शर्मा का माफीनामा पर्याप्त नहीं है. हमें माफी की जरूरत नहीं है. कानून को अपना काम करना चाहिए.
एआईएमआईएम के औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील के बयान के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि पार्टी का रुख स्पष्ट है कि नूपुर को कानून के अनुसार गिरफ्तार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी के रुख का सभी को पालन करना होगा. बता दें कि जलील ने नूपुर शर्मा को फांसी की सजा देने की मांग की थी.
वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंसा की खबरों के बीच कहा कि भारत ने हमेशा दुनिया के सामने सच्चाई, अहिंसा और भाईचारे की मिसाल पेश की है. उन्होंने कहा कि नफरत और अशांति हमारा रास्ता नहीं है. राहुल ने आगे कहा कि बापू के आदर्श ही स्वतंत्र भारत की नींव हैं. हमारे देश ने सदा विश्व के सामने सत्य, अहिंसा और भाईचारे की मिसाल कायम की है. नफरत और अशांति हमारी राह नहीं है. भारत को जोड़ना, आपसी सद्भावना रखना सभी देशवासियों की जिम्मेदारी है.
बता दें कि पिछले दिनों एक टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी. पार्टी ने नूपुर को सस्पेंड कर दिया है. उधर, नूपुर के बयान के बाद गुस्सा कम नहीं हुआ और शुक्रवार को कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए और हिंसा भड़क गई. पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. सुरक्षा बलों को लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और गोलीबारी का सहारा लेना पड़ा.