देश के बड़े-बड़े शहरों और राज्यों के बाद अब छोटे राज्यों और शहरों में कोरोना अपने पैर पसार रहा है। कोरोना का संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि पिछले कई दिनों से एक लाख से ज्यादा मामले रोजाना दर्ज किए जा रहे हैं। संक्रमित मरीजों के साथ-साथ कोरोना से होने वाली दैनिक मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है।
देश के कई इलाकों में हालात इतने खराब हो गए हैं कि अस्पतालों में भर्ती के साथ-साथ शमशान घाट और कब्रिस्तान में वेटिंग की लंबी लाइनें लग रही हैं। अपने परिवार वालों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि एक शख्स को अपने पिता का अंति संस्कार करने के लिए 40 घंटे का इंतजार करना पड़ा। शख्स का कहना है कि अंतिम संस्कार के लिए कहीं से कोई भी मदद नहीं मिली।
झारखंड में भी कोरोना के मामले तेजी से फैल रहे है। पहले तो राज्य में बिस्तरों की कमी देखी गई और अब दाह संस्कार के लिए लाइन लगानी पड़ रही है। राजधानी रांची में कुछ ऐसे ही हालात बन गए हैं। शवों को शमशान घाट ले जाया जा रहा है लेकिन लंबी लाइनों में इंतजार करने के बाद शवों का नंबर आ रहा है।
रविवार को हालात और खराब रहे। हरमू स्थित शमशान घाट में कोरोना संक्रमित मरीजों के 13 शव लाए गए। यहां कोरोना से मरने वाले मरीजों के शवों का गैस क्रिमेटोरियम में दाह संस्कार किया गया लेकिन कुछ देर के बाद ही मशीन में खराबी आ गई और शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो सका।
इसके बाद मृतकों के परिजन घंटों शवों को शमशान घाट के बाहर लेकर खड़े रहे। काफी देर के बाद जिला प्रशासन के निर्देश के बाद इन शवों को घाघरा ले जाकर अंतिम संस्कार किया गया। यही नहीं शमशान घाट ले जा रहे एंबुलेंस के ड्राइवर भी काफी परेशान रहे। गर्मी में उन्हें घंटों पीपीई किट पहनना पड़ा।
बता दें कि रांची में मृतकों का आंकड़ा पिछले दस दिनों में काफी ज्यादा बढ़ गया है। पिछले दस दिनों में कुल 36 लोगों की मौत हुई है, ये सभी लोग रांची के निवासी थे।