श्रीलंका (Sri Lanka) के एक शीर्ष मंत्री ने मंगलवार को कहा कि 2019 में ईस्टर के दिन हुए हमलों (Sri Lanka Easter Attack) के मुख्य षडयंत्रकारी (Mastermind) की पहचान कर ली गई है. उन्होंने कहा कि षडयंत्रकारी एक कट्टरपंथी धर्मगुरु (Radical cleric) है. वह फिलहाल हिरासत में है. इन हमलों में 11 भारतीय सहित 270 लोग मारे गये थे. आतंकी संगठन ISIS से जुड़े स्थानीय इस्लामी चरपमंथी समूह नेशनलिस्ट तौहीद जमात (NTJ) के नौ आत्मघाती हमलावरों ने तीन गिरिजाघरों को निशाना बनाते हुए इन हमलों को अंजाम दिया था.
जन सुरक्षा मंत्री सरथ वीरशेखरा (Sarath Weerasekera) ने संवाददाताओं से कहा, नौफर मौलवी (ईस्टर पर बम विस्फोटों का) मुख्य षडयंत्रकारी था. इस मौलाना की हज्जुल अकबर नाम के एक अन्य व्यक्ति ने मदद की थी. इस व्यक्ति की भी पहचान कर ली गई है. उन्होंने बताया कि 32 संदिग्धों को हत्या एवं हत्या की साजिश रचने को लेकर आरोपित किया गया है. मंत्री ने बताया कि 75 अन्य संदिग्ध हिरासत में हैं. मंत्री ने बताया कि रिमांड हिरासत में कुल 211 संदिग्ध हैं जिनमें 32 को आरोपित किया गया है.
होटल और चर्चों को आतंकियों ने बनाया निशाना
बता दें कि 21 अप्रैल 2019 को ईस्टर रविवार के मौके पर श्रीलंका के तीन चर्चों और राजधानी कोलंबो के तीन होटल को आतंकियों ने बम से उड़ा दिया था. जिन छह को निशाना बनाया गया उसमें कोलंबो की सेंट एंथोनीज चर्च, नेगोम्बो की वेस्टर्न कोस्टल टाउन स्थित सेबस्टियंस चर्च और ईस्टर्न टाउन की बट्टीकालोवा चर्च शामिल थे. वहीं, जिन तीन फाइव स्टार होटलों को आतंकियों ने निशाना बनाया उसमें होटल संगरीला, द सिनामॉन ग्रैंड और द किंग्सबरी शामिल थे. दोपहर के समय एक आवासीय परिसर और एक गेस्ट हाउस को भी निशाना बनाया गया.
हमले के बाद शुरू हुआ अपराधियों को पकड़ने का सिलसिला
इस हमले के तुरंत बाद सरकारी दफ्तरों और सुविधाओं को बंद कर दिया गया. हमले के दिन शाम छह बजे से पुलिस ने कर्फ्यू का ऐलान कर दिया. सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया गया और स्कूलों को दो दिनों तक बंद करने का आदेश दिया गया. कोलंबो के इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक जिंदा बम भी बरामद हुआ, जिसे श्रीलंकाई एयरफोर्स ने डिफ्यूज कर दिया. हमले के बाद सेना ने बड़े पैमाने पर छापेमारी की आरोपियों की धर पकड़ शुरू हुई.