अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में तुतिंग के पास एक जंगली इलाके में शुक्रवार को सेना के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से कुछ क्षण पहले पायलटों ने रेडियो पर ‘मेयडे’ कॉल किया था। रक्षा सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक ‘मेयडे’ एक आपातकालीन संकेत है जिसका उपयोग पायलट तब करते हैं जब उनका विमान किसी खतरे में पड़ जाता है। तेजपुर के रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल ए एस वालिया ने कहा, “हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) को मेयडे कॉल मिला जिसमें हेलीकॉप्टर में तकनीकी या फिर यांत्रिकी विफलता के संकेत दिए गए थे।” उन्होंने कहा, “यह कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का मामला बनेगा, जिसे दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए तुरंत गठित किया गया है।” गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश में तूतिंग के दक्षिण में मिगिंग इलाके के लिकाबली में भारतीय सेना का एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (वेपन सिस्टम इंटीग्रेटेड) शुक्रवार सुबह 10 बजकर 43 मिनट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
हादसे के वक्त हेलीकॉप्टर पर पांच कर्मी सवार थे। उन्होंने कहा कि कल शाम तक चार शवों को बरामद कर लिया गया है। नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, पांचवें शव के अवशेषों की तलाश जारी है। रक्षा पीआरओ ने कहा “हेलीकॉप्टर ने जिस समय उड़ान भरी उस समय मौसम अच्छा था। पायलटों के पास एएलएच-डब्ल्यूएसआई पर 600 से अधिक घंटे संयुक्त उड़ान भरने और उनके बीच 1800 से अधिक सेवा उड़ान का अनुभव था। विमान को जून 2015 में सेवा में शामिल किया गया था। ” उन्होंने कहा कि जवानों के नाम उनके परिजनों को सूचित करने के बाद जारी किए जाएंगे, उन्होंने कहा कि भारतीय सेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवारों के साथ संकट की इस घड़ी में मजबूती के साथ खड़ी है।