अशोक पंडित की फिल्म ’72 हूरें’ को सेंसर बोर्ड ने आपत्तिजनक मानते हुए सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद मेकर्स ने अपनी फिल्म के ट्रेलर को डिजिटली लॉन्च कर दिया है। इस ट्रेलर को थिएटर में नहीं दिखाया जाएगा। फिल्म के ट्रेलर में आतंकवाद के काले सच को उजागर करते हुए दिखाया गया है। इसमें खून खराबा और लोगों के रोने की आवाजें आपको परेशान कर सकती है।
फिल्म आतंकवाद पर आधारित है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे आतंकवादी लोगों का ब्रेनवॉश करते हैं और फिर उन्हें लोगों की जान लेने पर मजबूर करते हैं। बता दें कि फिल्म को सेंसर बोर्ड की तरफ से पास कर दिया गया है। लेकिन ट्रेलर के थिएटर रिलीज के लिए अनुमति नहीं दी गई थी। सेंसर बोर्ड की ओर से इसके दृष्य आपत्तिजनक बताये गए थे। अब मेकर्स ने 28 जून की सुबह 11 बजे इसे यूट्यूब पर रिलीज किया है।
फिल्म के ट्रेलर को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट न मिलने पर अशोक पंडित ने नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने बताया कि फिल्म में शव के पैर दिखाये गए हैं, सीबीएफसी ने इसे हटाने को कहा है। फिल्म से कुरान के संदर्भ को हटाने के लिए कहा है। पशु कल्याण हटाने को कहा है और भी कई चीजें हैं जिन्हें हटाने के लिए कहा गया है।
अशोक पंडित ने सेंसर बोर्ड से कहा,”यह एक राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म है। आपने फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। ट्रेलर में वही दृश्य हैं तो आप ट्रेलर को कैसे रिजेक्ट कर सकते हैं? हम वैसे भी ट्रेलर को डिजिटल रूप से रिलीज करेंगे। पहले हम इसे पीवीआर में रिलीज करने जा रहे थे, लेकिन अब हम इसे अंधेरी के द क्लब में रिलीज करेंगे।”
अशोक पंडित ने प्रसून जोशी से मांगा था जवाब
अशोक पंडित ने कहा था कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म के ट्रेलर को प्रमाणपत्र देने से इनकार करने के इस फैसले की जवाबदेही सेंसर बोर्ड के सभी अधिकारियों की है। फिल्म ने IFFI में इंडियन पैनोरमा सेक्शन में भी एक पुरस्कार जीता। आप उस फिल्म के सेंसर सर्टिफिकेट को कैसे अस्वीकार कर सकते हैं? सेंसर बोर्ड में कुछ गड़बड़ है और प्रसून जोशी जवाबदेह हैं।”