प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद कर दी गयी है। प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य और अन्य हितधारकों से व्यापक चर्चा के बाद फैसला लिय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विद्यार्थियों के हित और उनका वर्ष बचाने के लिए सीबीएसई के अफसरों से कहा कि 12वीं कक्षा के छात्रों के रिजल्ट को वेल डिफाइंड मानदंडों के अनुसार समयबद्ध तरीके से तैयार करें। सीबीएसई बोर्ड से यह सहूलियत देने के लिए भी कहा गया है कि यदि कोई छात्र अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होता है तो उसे ऑफलाइन एग्जाम का दूसरा मौका उपलब्ध रहेगा। ऐसा सिर्फ उन्हीं हालातों पर होगा जब कोरोना को लेकर स्थितियां सामान्य हो जाएंगी। केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि रिजल्ट तैयार करने के लिए इंटरनल परीक्षा को भी आधार पर बनाया जा सकता है। अभी तक छात्रों के जो 11वीं और 12 के जो दो इंटरनेल एग्जाम हुए हैं और उसके एसेसमेंट के आधार पर नतीजे तैयार किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि एग्जाम में उनके दाखिले के लिए पिछले साल की तरह सुविधा भी रहेगी। उन्होंने कहा कि आगे चलकर जब परिस्थिति नॉर्मल होगी तो परीक्षा दे सकते हैं।
ऐसे तैयार होगा परीक्षा परिणाम
सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं के छात्रों का रिजल्ट तैयार करने के लिए जो पॉलिसी अपनाई है, उसमें सात स्कूल शिक्षक और प्रिंसिपल के साथ रिजल्ट कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी रिजल्ट तैयार करेगी। इस कमेटी में प्रिंसिपल के अलावा सात शिक्षक होंगे जो परिणाम तैयार करेंगे। इन शिक्षकांे में पांच उसी स्कूल से होंगे। ये पांच शिक्षक गणित, सोशल साइंस, साइंस और दो लैंग्वेज के होंगे। कमेटी में दो शिक्षक पास के किसी अन्य स्कूल के होंगे। स्कूल कमेटी के एक्सटर्नल मेंबर के तौर पर शामिल करेगा। माना जा रहा है कि बोर्ड इसी तरह की पॉलिसी 12वीं के लिए भी अपनाये।
ज्ञात हो कि ये टीचर भी सीबीएसई एफिलिएटेड स्कूल से होने चाहिए जो कि क्लास 10 को ही पढ़ाते रहे हों। कोई शिक्षक जो एक स्कूल की रिजल्ट कमेटी में है वो दूसरे स्कूल की कमेटी में शामिल नहीं होगा। दोनों स्कूल एक ही मैनेजमेंट के नहीं होने चाहिए। इस कमेटी की पहली जिम्मेदारी महामारी काल में दसवीं का निष्पक्ष और भेदभाव रहित रिजल्ट तैयार करना है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि बोर्ड कुछ इसी तरह ही 12वीं के लिए भी एसेसमेंट के लिए योजना बनाएगा। ताकि इन छात्रों का पारदर्शी तरीके से मूल्यांकन हो सके।
वहीं शिक्षा क्षेत्र के लोगों का यह भी दावा है कि बोर्ड 12वीं के रिजल्ट को तैयार करने के लिए होम असाइनमेंट और असेसमेंट के अन्य स्मार्ट तरीकों को भी अपनाया जा सकता है। फिर भी अगर कोई छात्र रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होता तो वो कोरोना संक्रमण कम होने पर ऑफलाइन एग्जाम भी दे सकता है।