संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of america) म्यांमार (myanmar) से सात लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों (More than 7 million Rohingya refugees) की सहायता (Help) के लिए अतिरिक्त 180 मिलियन अमरीकी डालर (18 करोड़ डालर) की मानवीय सहायता (humanitarian aid) देगा। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (US State Department spokesman Ned Price) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थामस(US Ambassador Linda Thomas) ने बर्मा(Barma), बांग्लादेश (Bangladesh)और इस क्षेत्र में अन्य जगहों पर रोहिंग्या शरणार्थी (Rohingya refugee) संकट (crisis) से प्रभावित लोगों के लिए अतिरिक्त मानवीय सहायता देने की घोषणा की है।
प्राइस ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘इस मदद के साथ ही इसके लिए हमारी कुल मानवीय सहायता अगस्त 2017 से अबतक 1.5 बिलियन अमेरिकी डालर (1.5 अरब अमेरिकी डालर) से अधिक पहुंच गई है। 7,40,000 से अधिक रोहिंग्याओं को म्यांमार के रखाइन राज्य में जातीय हिंसा और अन्य भयानक अत्याचारों और दुर्व्यवहारों की वजह से भागने के लिए मजबूर कर दिया था।’
म्यांमार 1 फरवरी को तख्तापलट के बाद से देश उथल-पुथल में है। वरिष्ठ जनरल मिंग आंग हलिंग के नेतृत्व में म्यांमार की सेना ने नागरिक सरकार को हटाकर एक साल के लिए आपातकाल की घोषणा की। तख्तापलट की वजह से देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसे रोकने के लिए सेना ने हिंसा का सहारा लिया।
वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग ने सैन्य सत्ता से हिंसा को तुरंत रोकने, जबरन हिरासत में लिए गए सभी लोगों को रिहा करने, म्यांमान में फिर से लोकतंत्र बहाल करने और आसियान की पांच सूत्रीय सहमति को लागू करने की अपील की है। प्रवक्ता ने कहा, ‘हम सैन्य शासन से जरूरतमंद लोगों तक तत्काल और बिना बाधा के मानवीय पहुंच की अनुमति देने का भी आह्वान करते हैं, जिसमें महत्वपूर्ण कोविड-19 सहायता प्रदान करना शामिल है।’