नशे के खिलाफ सरकार का नीति को साफ करते हुए लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि नशे से लाखों परिवार बर्बाद हो गए है. सकार की नार्को टेरर पर जीरो टॉलरेंस की नीति है. उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भारत पीएम मोदी का संकल्प है और ये लड़ाई केंद्र और राज्यों को मिलकर लड़नी होगी. शाह ने कहा कि नशा मुक्त भारत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. शाह जब भाषण दे रहे थे तो टीएमसी सांसद सौगत राय कुछ बोल पड़े. इस दौरान शाह ने चुटकी लेते हुए कहा कि ये आपकी उम्र के लिए अच्छा नहीं है.
अमित शाह ने कहा कि देश में जो ऐसी जांच एजेंसियां है जो देश और विदेश में जांच करती हैं. एनसीबी और एनआईए. एनसीबी देश के अंदर नशे के खिलाफ जांच करेगा और जरुरत पड़ने पर एनआईए देश के बाहर जाकर जांच करेगी. उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे को राजनीतिक रंग न दिया जाए. ये गंभीर समस्या है और हमारी नस्लों को बर्बाद करने की समस्या है. इस ट्रेड से होने वाली आय से आतंकियों को मदद मिलती है.
ड्रग्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति- शाह
लोकसभा में सख्त रुख दिखाते हुए शाह ने कहा, ‘ मैं सदन को फिर से एकबार आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी सरकार ड्रग्स के कारोबार पर जीरो टॉलरेंस रणनीति पर काम कर रहे हैं. ड्रग्स का प्रचार प्रसार हमारी नस्लों को खराब करता है. जो देश भारत में आतंकवाद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं वो ही ऐसा करते हैं. ये लड़ाई केन्द्र और राज्य की नहीं है. बल्कि मिलकर लड़ना पड़ेगा.
सभी राज्य सरकारों ने किया सहयोग- शाह
उन्होंने कहा कि ड्रग फ्री इंडिया का सपना साकार करना पड़ेगा. देश की सभी राज्य सरकारों ने ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में केन्द्र सरकार का सहयोग किया है. बॉर्डर राज्यों के सदस्यों ने सदन में अपना मत रखा है. ड्रोन, तस्करी , सुरंग, बंदरगाह और एक्सपोर्ट के माध्यम से नशीला पदार्थ भारत आता है. टीएमसी सांसद सौगत राय ने उनके भाषण के बीच में कुछ बोला तो शाह ने कहा कि टोका-टोकी करना आपकी उम्र के लिए अच्छा नहीं है. ना ही आपकी सीनियरिटी के लिए.
कॉपरेशन, कॉर्डिनेशन और कोलैबोरेशन की रणनीति
शाह ने ड्रग्स के खिलाफ सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए ड्रग्स कारोबार के सख्ती का सवाल है तो गृह मंत्रालय ने पिछले तीन सालों में कई कदम उठाए हैं. एनआईए का कानून जो हम लेकर आए उसमें ड्रग्स कानून के खिलाफ कार्रवाई का जिक्र है. पूरे ड्रग नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए राज्य पुलिस, एनआईए और एनसीबी ध्वस्त करने का सख्ती से काम कर रहे हैं. गोल्डन ट्रायएंगल की बात है तो उसको भी ध्वस्त करना है. केन्द्र और राज्य सरकार की एजेंसियों का समन्वय और सशक्तीकरण करना है. उन्होंने कहा कि कॉपरेशन, कॉर्डिनेशन और कोलैबोरेशन की रणनीति से काम करना होगा.