महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) ने बड़ा बयान दिया कि वे एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की सरकार का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे। उनके लिए उपमुख्यमंत्री बनना शॉकिंग था, क्योंकि वह प्रदेश की कमान पहले से संभाल चुके हैं। हालांकि फडणवीस ने यह जरूर कहा कि एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने की घोषणा के पीछे वे ही थे। उन पर इस फैसले के लिए किसी ने कोई दबाव नहीं बनाया था। साल 2024 में हमारी गठबंधन की सरकार शिंदे के नेतृत्व में लड़ेगी।
एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पुष्टि की कि राज्य में 2024 का विधानसभा चुनाव शिंदे के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराना विश्वासघात नहीं बल्कि विश्वासघात का बदला है। उपमुख्यमंत्री ने कहा, “2024 में, हम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में मुख्यमंत्री और खुद डिप्टी सीएम के रूप में चुनाव लड़ेंगे और भारी बहुमत के साथ सरकार में लौटेंगे।”
फडणवीस ने कहा, “अगर एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार के कारण शिवसेना छोड़ना चाहते थे, तो हम उन्हें वापस जाने के लिए नहीं कहने वाले थे। हम उनका स्वागत करने और उनका समर्थन करने जा रहे थे। हमने विश्वासघात का बदला लिया है।”
मुख्यमंत्री पद की लालसा से उद्धव ने छोड़ा था साथ
फडणवीस ने कहा कि साल 2019 में, चुनाव मेरे नेतृत्व में लड़ा गया और शिवसेना ने इस पर कोई आपत्ति नहीं की लेकिन, परिणामों के बाद उद्धव को एहसास हुआ कि अगर शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाती है, तो वह मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
डिप्टी सीएम के लिए कहना था शॉकिंग
मुख्यमंत्री के साथ अपने कामकाजी समीकरण पर, फडणवीस ने कहा कि शिंदे उन्हें कभी यह महसूस नहीं कराते कि वह उपमुख्यमंत्री हैं और उनके साथ परामर्श करने के बाद सभी निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा, “मुझसे सलाह-मशविरा करने के बाद शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया गया था। यह मेरा प्रस्ताव था, इसलिए यह मेरे लिए चौंकाने वाला नहीं था।” फडणवीस ने कहा, “चौंकाने वाली बात यह थी कि मुझे उपमुख्यमंत्री बनने के लिए कहा गया, क्योंकि मैं पार्टी का नेता और इससे पहले राज्य की कमान संभाल चुका हूं।”