नहीं हुई है..उस विकास दुबे की कहानी खत्म, जिसको कभी पुलिस ने अपनी गोलियों का शिकार बना लिया था। नहीं खत्म हुई है.. उसके खौफ की खौफनाक इबारत, जिसे जान अब पुलिस भी हैरत में पड़ रही है। नहीं खत्म हुआ.. .उस विकास दुबे का खौफ, जिसके नाम से सूबे का इंसान तो क्या पत्ता भी कांप उठता था। लगता है.. उस विकास की कहानी ऐसे ही नहीं होने वाली है.. खत्म.. अभी तो ऐसे-ऐसे किरदार निकलकर सामने आ रहे हैं, जिसे जान पुलिस के होश भी फाख्ता हो रहे हैं। अब इस बीच बिकुरू कांड की जांच कर रही एसआईटी के हाथ एक ऐसी सूची लगी है, जिसमें गैंगस्टर के काले कारनामों से गढ़ी गई संपत्तियों का सच छुपा हुआ है।
आपको बताते चले कि एसआईटी के हाथ 54 लोगों के नाम की फेहरिस्त हत्थे चढ़ी है, जिसमें उन सभी लोगों के नाम दर्ज हैं, जिनके नाम पर विकास ने संपत्तियां खरीदी थी। इस फेहरिस्त में एक नहीं बल्कि अनेकों लोगों के नाम दर्ज हैं। जिसमें विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे, दोनों बेटों, एक पुत्रवधु, विकास दुबे की मां सरला दुबे, देवी प्रसाद दुबे, विकास के पिता रामकुमार दुबे तथा देवी प्रसाद दुबे के नाम हैं। इसके साथ ही इसमें उसके उन परिजनों के नाम भी शामिल हैं, जो विकास के काले कारनामों में उसके भागीदारी रहे हैं।
SIT को करीब 150 बीघा का फ़ॉर्म हाउस.. 12 घर और 21 फ्लैट के बारे में पता लगा है। अब एसआईटी का अगला कदम विकास दुबे के लखीमपुर में उसके संपत्तियों की पूरी जानकारी तफसील से पता करने की चुनौती है। गौरतलब है कि बीते दिनों विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस वालों के लाश पत्तों की तरह बिछा डाले थे। जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में दर्शन के दौरान उसे धरदबौचा था, जिसके बाद उसे एनकाउंटर में मार गिराया गया।