घर में खुशहाली हर एक इंसान को अच्छी लगती है। सब ठीक हों, स्वस्थ हों, सबकी जरूरतें पूरी हों इससे ज्यादा इंसान को इससे ज्यादा और क्या चाहिए होता है। लेकिन कभी-कभी ऐसा नहीं हो पाता। कई कोशिशों के बाद भी आपको वो नहीं मिल पाता जिसके आप हकदार हैं। आज हम बात कर रहे हैं वास्तु दोष की जिसका सीधा प्रभाव इंसान की जिंदगी पर पड़ता है। अगर घर में वास्तुदोष हो तो परिवार में कलह, पैसों की परेशानी और रोगों का घर में वास हो जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक घर कितना भी अच्छा है अगर उसमें वास्तु दोष है तो फिर वह रहने का लायक नहीं रह जाता है। वहीं अगर कुछ छोटी बातों का ख्याल रखा जाए तो इससे बचा सकता।
मकान बनाने के बाद वास्तु पूजा या वास्तु शांति पूजा जरूर कराएं।
परिवार के मुखिया और उसकी पत्नी का बेडरूम दक्षिण-पश्चिम, या फिर पश्चिम-दक्षिण में हो। रसोई घर भी दक्षिण-पूर्व या फिर उत्तर-पश्चिम की ओर होना चाहिए।
पूजा घर और स्टडी रूम उत्तर-पूर्व की ओर हो।
घर के अंदर टॉयलेट नहीं होना चाहिए। लेकिन मजबूरी में बनाना पड़े तो उत्तर-पश्चिम दिशा में बनवाएं। सीढ़ियां दक्षिण-पश्चिम में बनी हों।
घर पुराने मलबे से न बनवाएं। इसमें नाकारात्मक ऊर्जा रहती है। पुरानी मलबे में जादू-टोने का भी चक्कर हो सकता है।
घर का मुंह, उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए। जिस प्लॉट पर घर बने वह कम से कम वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए।
वाटरटैंक उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए।