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वसुंधरा के बदले तेवर, गहलोत-पायलट को घेरने के लिए रणनीति में बदलाव

राजस्थान की राजनीति ने सबकुछ अचानक हो रहा है। सीएम अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। ऐसे में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी बदली हुई परिस्थितियों में रणनीति बदल दी है। विधानसभा सत्र के पहले दिन वसुंधरा राजे ने सदन में बीजेपी विधायकों संग धरने देकर एकजुटता का मैसेज दिया है। वसुंधरा राजे की अचानक सक्रियता से जानकार हैरान है।  वसुंधरा राजे खामोशी छोड़ गहलोत सरकार पर जुबानी हमले तेज कर दिए है। सीएम गहलोत पर निशाना साधने का कोई मौका भी नहीं छोड़ रही है। सीएम गहलोत के घेरने के लिए वसुंधरा राजे एक्टिव मोड़ पर आ गई है। माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे सीएम गहलोत को उनके ही गृह राज्य राजस्थान में घेरने के लिए बीजेपी की हर रणनीति का साथ देगी। राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 में होने है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर सीएम गहलोत की बड़ी चुनौती राजस्थान में कांग्रेस सरकार को रिपीट करने की रहेगी। बीजेपी हर हाल में राजस्थान में चुनाव जीतना चाहेगी ताकि गहलोत को राष्ट्रीय स्तर पर घेरा जा सके।

वसुंधरा राजे अपने आवास पर दिनभर दूरदराज से क्षेत्र से आए लोगों से मिल रही है। वसुंधरा राजे के सक्रियता से कांग्रेस में भी बैचेनी हो गई है। चर्चा है कि गहलोत को पटखनी देने के लिए विभिन्न धड़ों में बंटी भाजपा एकजुट हो रही है। अमित शाह के दौरे के दौरान वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार का सत्ता से उखाड़ने के लिए एक साथ हाथ खड़े कर एकता का मैसेज दिया है। जानकारों का कहना है कि गहलोत और पायलट को चुनावी शिकस्त देने के लिए पूर्व सीएम ने रणनीति में बदलाव किया है।

बीजेपी को नए सिरे से बनानी होगी रणनीति 

राहुल गांधी की दो टूक के बाद सीएम अशोक गहलोत ने कह दिया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीतते हैं तो राजस्थान के सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। आने वाले दिनों में राजस्थान की राजनीति में काफी उथल पुथल रहेगी। अगर सचिन पायलट राजस्थान की सीएम बनते हैं तो बीजेपी को नए सिरे से रणनीति बनाने होगी। सचिन पायलट बीजेपी के कोर वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। राजस्थान में गुर्जर वोटर 30 से 40 सीटों पर असर डालते हैं। ऐसे में बीजेपी का एकजुट रहना बेहद जरूरी है। वसुंधरा राजे की सभी जातियों में गहरी पैठ मानी जाती है। वसुंधरा राजे ही राजस्थान में कांग्रेस का जातिया समीकरणों में सेंध लगा सकती है।

वसुंधरा ही गहलोत को घेर सकती है 

आपको बता दें राजस्थान में बीजेपी आंतरिक गुटबाजी से जूझ रही है। वसुंधरा गुट और पूनिया गुट के नेता एक दूसर पर सियासी हमले करते रहे हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा। वसुंधरा समर्थकों को यह रास नहीं आ रहा है। वसुंधरा समर्थकों का कहना है कि पूर्व सीएम 36 कौम की नेता है। ऐसे में पार्टी को वसुंधरा के चेहरे पर ही चुनाव लड़ना चाहिए। चुनावों में पार्टी को इसका लाभ मिलेगा। लेकिन वसुंधरा विरोधी धड़ा पीएम मोदी का नाम लेकर वसुंधरा राजे की अनदेखी कर रहा है।