विश्वविद्यालय के किसी ग्रुप में अश्लील मैसेज डालने का मामला बार-बार आये तो यह शैक्षिक गतिविधियों की मर्यादा को तार-तार करने वाला ही होगा। लखनऊ विश्वविद्यालय प्राचीन इतिहास के व्हॉट्सग्रुप में अश्लील मैसेज डालने की शिकायत को पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया था। पुलिस की इस लापरवाही का खामियाजा छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। 17 जुलाई को ही व्हॉट्सएप ग्रुप में एक नम्बर से अश्लील फोटो और मेसेज डालने की शिकायत चीफ प्रॉक्टर से की गई थी। विद्यार्थियों ने इस अश्लील मैसेज से परेशान होने की शिकायत की थी। अश्लील मैसेज भेजे जाने की षिकायत हसनगंज में तहरीर दी गई। कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसी नम्बर से एक नया व्हॉट्सएप ग्रुप बनाया गया। प्राचीन भारतीय इतिहास के ग्रुप में जुड़े छात्र और शिक्षकों को जोड़कर 21 जुलाई की रात 1.13 बजे शिकायत करने वाले छात्र-छात्राओं को अपशब्द कहने के साथ ही अश्लील मैसेज भी भेजे गए। अश्लील मैसेज पुनः भेजे जाने से विद्यार्थी परेशान हैं।
अश्लील मैसेज आने के बाद से विद्यार्थी इस ग्रुप से बाहर हो गये हैं। अश्लील मैसेज की एक बार फिर चीफ प्रॉक्टर से शिकायत की गई। शिकायत मिलने पर चीफ प्रॉक्टर ने दोबारा हसनगंज थाने में तहरीर दी है। चीफ प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि जिस नम्बर से पूर्व में अश्लील फोटो और मैसेज भेजे गए थे उसी नम्बर से एक नया व्हॉट्सएप ग्रुप बनाकर अश्लील मैसेज भेजा गया है । अश्लील मैसेज की शिकायत दोबारा की गई है। इससे पूर्व पहली शिकायत के सम्बंध में पुलिस पूछताछ करने विश्वविद्यालय परिसर आयी थी।
आरोपी को तलाश रही पुलिस
इससे पहले प्राचीन भारतीय इतिहास के व्हाट्सग्रुप पर अश्लील मैसेज भेजने की शिकायत 18 जुलाई को की गई थी। शिकायत के बाद पुलिस ने जांच के नाम सिर्फ खानापूर्ति की। पुलिस को चीफ प्रॉक्टर की ओर से नम्बर भी उपलब्ध करा दिया था। चार दिन बीतने के बाद भी पुलिस आरोपी को ढूंढ नहीं सकी। आरोपी ने नम्बर बंद भी नहीं किया और उसी नम्बर से दोबारा अश्लील मैसेज भेजे।