प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) तीन देशों के दौरे (three nation tour) के अंतिम चरण के तहत सोमवार को ऑस्ट्रेलिया (Australia) पहुंच गए. वह पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) से सीधे ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं. उन्होंने यहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को नए स्तरों तक ले जाने पर जोर दिया, विशेष रूप से रक्षा सेक्टर में ताकि एक खुले और उन्मुक्त इंडो पैसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित किया जा सके।
पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया और भारत के संबंधों को नए स्तरों तक ले जाना चाहते हैं ताकि एक बेहतर इंडो पैसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित किया जा सके।
मैं आसानी से किसी के काम से प्रभावित नहीं होता
पीएम मोदी ने कहा कि मैं जल्दी किसी के काम से प्रभावित नहीं होता हूं और मैंने देखा है कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एल्बनीज भी ऐसे ही हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि सिडनी में एक साथ होने पर हमें ऐसा अवसर मिलेगा, जहां हम दोनों देशों के संबंधों को नए स्तर तक ले जा सकते हैं. हम ऐसे नए क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, जहां हम सहयोग बढ़ा सके।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एक साथ आगे बढ़ने के लिए अपनी क्षमता पहचानने की जरुरत है. लोकतंत्र के रूप में भारत और ऑस्ट्रेलिया के हित एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच का आपसी विश्वास स्वाभाविक रूप से रक्षा मामलों में सहयोग में तब्दील हो गया है. हमारी नौसेनाएं संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में भाग ले रही हैं।
रूस की आलोचना नहीं करने से ऑस्ट्रेलिया को दिक्कत नहीं
इस इंटरव्यू के दौरान जब मोदी से यह पूछा गया कि क्या यूक्रेन युद्ध की वजह से भारत द्वारा रूस की आलोचना नहीं करने से ऑस्ट्रेलिया के साथ उसके संबंधों पर असर पड़ेगा? इस पर पीएम मोदी ने कहा क इससे हमारे द्विवपक्षीय संबंधों को कोई नुकसान नहीं होगा क्योंकि ऑस्ट्रेलिया अपने स्तर पर रूस की आलोचना करता रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छा दोस्त होने का एक फायदा यह है कि हम स्वतंत्र रूप से चर्चा कर सकते हैं और एक-दूसरे के दृष्टिकोण की सराहना कर सकते हैं. ऑस्ट्रेलिया भारत की स्थिति को समझता है और यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित नहीं करता।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस यात्रा से दोनों देशों को सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिसमें नई तकनीक, स्वच्छ ऊर्जा, खनिज, खनन और साइबर स्पेस शामिल है।
AUKUS परमाणु सबमरीन प्रोजेक्ट
क्वाड का सदस्य होने के बावजूद परमाणु सबमरीन प्रोजेक्ट AUKUS से भारत के बाहर होने से जुड़े सवाल के बारे में पूछने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया का फैसला है. उन्होंने हमें अपने आकलन और इस फैसले के पीछे की सोच के बारे में जानकारी दी थी।
दरअसल ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने ब्रिटेन और अमेरिका के साथ एक ऐतिहासिक रक्षा समझौता किया है, जिसके तहत परमाणु ताकत से लैस पनडुब्बियों का बेड़ा तैयार किया जाएगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 22 से 24 मई तक ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर रहेंगे. वह 23 मई को सिडनी में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के पीएम के साथ भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे मोदी
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को सिडनी ओलम्पिक पार्क में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे. इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के पीएम भी उनके साथ होंगे. इस दौरान चार्टर्ड फ्लाइट्स और बसों से लगभग 20,000 लोगों के सिडनी ओलम्पिक पार्क में पहुंचने की उम्मीद है. पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया के कारोबारियों से भी मुलाकात करेंगे।