जम्मू और कश्मीर में पंडित समुदाय के युवक की हत्या के बाद सरकार अलर्ट है। खबर है कि सरकार ने कर्मचारियों की सुरक्षा की समीक्षा शुरू कर दी है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में शेखपुरा के पंडितों ने श्रीनगर एयरपोर्ट की ओर रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस को भीड़ शांत करने के लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा।
खास बात है कि बीते एक साल में कश्मीर में गैर-स्थानीय, प्रवासी कर्मचारियों और पंचायत सदस्यों की हत्या के कई मामले सामने आए। लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसिओं के लिए भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। इधर, पुलिस का कहना है कि टारगेट किलिंग में शामिल अधिकांश आतंकियों को मार दिया गया है। आंकड़े बताते हैं कि घाटी में इस साल बड़े कमांडर्स समेत 62 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया है।
गुरुवार को बडगाम के चडूरा के तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क 45 वर्षीय राहुल भट की उनके दफ्तर में ही हत्या कर दी गई थी। भट अपनी पत्नी और पांच साल की बच्ची के साथ बडगाम के शेखपुरा में माइग्रेंट पंडित कॉलोनी में रहते थे। पंडित कर्मचारी की टारगेट किलिंग के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के सभी 4 हजार कर्मचारी डरे हुए हैं।
प्रधानमंत्री पैकेज के जरिए नौकरी हासिल करने वाले अधिकांश कर्मचारी में डर का माहौल है। एक पंडित कर्मचारी ने कहा, ‘हमें अपनी सुरक्षित कॉलोनियों से बाहर आने में डर लगता है। हत्या के बाद हम टारगेट किलिंग के डर से काम करने की जगह पर नहीं जाना चाहते। हमें सुरक्षा का भरोसा चाहिए।’