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राहुल गांधी का पीएम मोदी पर तंज, कहा- खर्चा पर भी चर्चा होनी चाहिए

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम की पृष्ठभूमि में गुरुवार को उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि खर्चा पर भी चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने यह सवाल भी किया कि प्रधानमंत्री पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर चर्चा क्यों नहीं करते। राहुल गांधी ने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, केंद्र सरकार की कर वसूली के कारण गाड़ी में पेट्रोल-डीजल भरवाना किसी इम्तिहान से कम नहीं है। फिर प्रधानमंत्री इस पर चर्चा क्यों नहीं करते, खर्चा पर भी हो चर्चा!

अभिभावकों से पीएम मोदी की अपील
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को परीक्षा पर चर्चा के ताजा संस्करण में डिजिटल माध्यम से छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद किया। इसमें उन्होंने कहा कि परीक्षा छात्रों के जीवन में आखिरी मुकाम नहीं, बल्कि एक छोटा सा पड़ाव होता है, इसलिए अभिभावकों या शिक्षकों को बच्चों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए।

आगामी बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी के इस परीक्षा पे चर्चा में देने वाले सुझाव को लेकर छात्रों में भी काफी जिज्ञासा है।उन्होंने अपने चर्चा में कोरोना वायरस के खौफ के बावजूद परीक्षा देने जा रहे छात्रों को शुभकामनाएं दी है। नरेंद्र मोदी से इस चर्चा में आंध्रप्रदेश की एक छात्रा पल्लवी ने सवाल किया कि साल भल तो वे पढ़ाई अच्छी से करती है लेकिन इसके वाबजूद जब परीक्षा नजदीक आ जाता है तो तनाव महसूस होता है।

जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए मोदी ने कहा कि परीक्षा को लेकर किसी भी तरह के दवाब नहीं महसूस करना चाहिये। उन्होंने कहा कि दरअसल परीक्षा एक माध्यम होता है। लेकिन परीक्षा से ही हमारी प्रतिभा की पहचान नहीं होती है।

छात्रों को तनाव कम करने के दिए टिप्स
मालूम हो कि पीएम मोदी ने हल्के अंदाज में कहा कि हर साल आप लोग परीक्षा देते है,इसलिये इसको लेकर कभी घबराना नहीं चाहिये। वहीं उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से भी अपील की वे अपने बच्चों पर परीक्षा में अच्छे अंक में पास होने को लेकर कोई दवाब नहीं बनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि ऐसा करके हम सब कोमल मन को कुठिंत ही करते है।

गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी 2018 से ही हर साल परीक्षा पे चर्चा में छात्रों से चर्चा करते है। जिसमें संवाद स्थापित करके छात्रों को तनाव कम करने के टिप्स देते है। इस बार के परीक्षा पे चर्चा में 81 देशों के छात्रों ने हिस्सा लिया है। जिसके लिये 14 मार्च तक ही रजिस्ट्रेशन कराना जरुरी था।