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राप्तीसागर सुपरफास्ट के एसी कोच की टूटी स्प्रिंग, बड़ा हादसा टला, बची हजारों यात्रियों की जान

गोरखपुर (Gorakhpur)राप्तीसागर सुपरफास्ट एक्सप्रेस (RAPTI SAGAR SUPERFAST EXPRESS)गुरुवार सुबह हादसे का शिकार (accident victim)होने बच गई। गाड़ी के एसी कोच की स्प्रिंग (spring of ac coach)टूट गई। ड्राइवर ने ललितपुर स्टेशन पर ट्रेन रोककर जांच कराई, जहां एक नहीं बल्कि दो स्प्रिंग टूटी मिली। हालांकि इसका इनपुट भोपाल से मिल गया था। ललितपुर आते-आते दो स्प्रिंग टूटने पर स्टॉफ ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। अफसरों ने गाड़ी को 50 की स्पीड से झांसी भेजने के आदेश दिए। झांसी पहुंचने पर कोच काटकर उसकी जगह पर दूसरा कोच लगाया गया। ट्रेन करीब एक घंटा देरी से रवाना की जा सकी। ललितपुर स्टेशन पर भी करीब आधा घंटे खड़ी रही।

कोच्चिवेली से गोरखपुर जा रही राप्तीसागर सुपरफास्ट एक्सप्रेस के वातानुकूलित कोच नंबर ए2 में अचानक दिक्कत आ गई। चालक ने सुबह साढ़े चार बजे ललितपुर स्टेशन पर गाड़ी को रोककर सीएण्डडब्ल्यू स्टॉफ से जांच कराई। कोच की स्प्रिंग टूटी देख तत्काल उच्चाधिकारियों और कंट्रोल को सूचना दी। अफसरों ने चालक को 50 किमी की स्पीड से ट्रेन किसी तरह वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन तक लाने के आदेश दिए। करीब आधा घंटे बाद गाड़ी सुबह 5 बजे के बाद झांसी रवाना की गई। सुबह 8.10 बजे झांसी स्टेशन पहुंची ट्रेन को अफसरों ने अटैंड किया। यहां कोच की जगह पर नया कोच लगाया गया। नए ए2 कोच यात्रियों को सवार कराकर गाड़ी एक घंटे की देरी से सवा नौ बजे रवाना की गई।

गोरखपुर डिवीजन करेगी जांच

मंडल रेल प्रशासन ने स्प्रिंग टूटने की जानकारी गोरखपुर डिवीजन को दी है। अफसरों का मानना है कि कोच की एक स्प्रींग टूटने पर ट्रेन 95 की रफ्तार से चल सकती है लेकिन दो स्प्रिंग टूटने पर कोच अनफिट हो जाता है। कोच में लहर बढ़ जाती है, कर्व आने पर कोच पटरी से उतर सकता है। गाड़ी का मैंटीनेंस गोरखपुर डिवीजन करता है, ऐसे में मामले की जांच करने गोरखपुर रेलवे की टीम झांसी आएगी।

भोपाल से 95 व ललितपुर से 50 किमी/घंटा से चली ट्रेन

भोपाल में जांच के बाद ट्रेन 95 की रफ्तार से ललितपुर पहुंची। तब तक दूसरी स्प्रिंग भी टूट गई। भोपाल से लेफ्ट साइड की स्प्रिंग टूट गई थी और ललितपुर आते-आते राइट साइड की स्प्रिंग टूट गई। इससे कोच बैलेंस बनाए रहा। अफसरों की माने तो सुरक्षा के लिए कर्मचारी पायलटिंग कर रहे थे। झांसी से पहले की कोच को बदलने की भी तैयारी रेलवे ने कर ली थी।

15 मार्च 2024 को हुआ था कोच का मेजरमेंट

रेलवे हर कोच जांच के बाद 18 महीने के लिए पटरी पर उतार देता है। गोरखपुर से मेंटीनेंस के बाद चलने वाली राप्तीसागर एक्सप्रेस में लगा कोच का मैजरमेंट तीन माह पहले 15 मार्च 2024 को हुआ था। कोच की पूरी जांच व मेंटीनेंस के बाद राप्तीसागर में लगाया गया लेकिन 18 महीने तो छोड़िए, कोच की स्प्रिंग तीन महीने में ही धोखा दे गई। कोच की एक नहीं बल्कि दो स्प्रिंग टूट गई।