राजस्थान की राजधानी जयपुर से 510 किलोमीटर दूर भारत-पा-किस्तान सीमा के पास 492 घरों का छोटा सा गांव है राऊजी की ढाणी काउखेड़ा। बाड़मेर जिले के इस गांव का एक जाट परिवार भारतीय सेना के अफसरों की खान है। यहां के बेटे ही नहीं बल्कि बेटी भी इंडियन आर्मी में अफसर है।
बाड़मेर के भानाराम व अणची देवी का परिवार
बाड़मेर जिला मुख्यालय से 29 किलोमीटर दूर गांव राऊजी की ढाणी काउखेड़ा के भानाराम व अणची देवी के इस परिवार से छठे सदस्य के रूप में प्यारी चौधरी ने इंडियन आर्मी ज्वाइन की है। भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने के बाद हाल ही प्यारी चौधरी पहली बार घर पहुंची तो उसका जोरदार स्वागत किया गया।
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में भारतीय सेना के सूबेदार किस्तूरा राम चौधरी ने बताया कि उनकी बेटी प्यारी चौधरी का भारतीय सेना की मेडिकल कोर में लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ है। प्यारी चौधरी भारतीय सेना में ऑफिसर बनने वालीं बाड़मेर जिले की पहली महिला है।
बेटी की रैंक पिता से बड़ी
भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर 47 आर्म्ड रेजिमेंट में तैनात किस्तूरा राम चौधरी बताते हैं कि बेटी ने परिवार के साथ-साथ पूरे गांव का नाम रोशन किया है। एक पिता के लिए इससे बड़ी गर्व की बात दूसरी क्या होगी कि बेटी अपने पिता से भी ऊपर की रैंक की अफसर बन जाए। प्यारी के भाई का नाम गोरख है।
लेफ्टिनेंट प्यारी चौधरी की जीवनी
बता दें कि लेफ्टिनेंट प्यारी चौधरी ने प्रारंभिक शिक्षा पटियाला के आर्मी नर्सरी स्कूल से प्राप्त की। पिता की नौकरी के चलते देश के विभिन्न केंद्रीय व सैनिक स्कूल से शिक्षा प्राप्त की। बीएससी नर्सिंग महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी मुंबई से पास की।
कौन हैं बाड़मेर की प्यारी चौधरी?
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद प्यारी ने भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त करने के लिए ऑल इंडिया लेवल पर लिखित परीक्षा मेरिट प्राप्त कर इंटरव्यू व मेडिकल टेस्ट पास किए। पिछले साल ही ऑल इंडिया मैरिट के आधार पर प्यारी चौधरी को सेना के मेडिकल कोर में लेफ्टिनेंट के पद पर नियुक्ति मिली है।