प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में किसानों को केंद्र में रखा है। पीएम मोदी की सरकार ने किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं भी लागू की है। जिस वजह से किसानों को काफी फायदा हुआ है। इसी बीच पीएम मोदी ने किसानों के लिए कुसुम स्कीम की शुरुआत की है। इस स्कीम के तहत किसानों को खेती में सरकार ने राहत दी है। दरअसल इस स्कीम के तहत किसान अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का सीधा खेती में उपयोग कर सकते है। इससे किसानों को बिजली की होने वाली समस्या पूरी तरह खत्म हो जाएगी। इतना ही नहीं, इस योजना के तहत किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पंप मुहैया करवाए जाएंगे।
किसानों के खाते में आएंगे पैसे
इस योजना की घोषण वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साल 2018-19 में की थी। इस योजना के तहत किसानों को महज 10 फीसदी का भुगतान करना होगा। जिससे उनकी जमीन पर सोलर पैनल लग जाएगा। इतना ही नहीं, किसानों को सब्सिडी भी दी जाएगी और ये रकम किसानों के खाते में सीधा आएगी। इस दौरान किसानों के बैंक खाते में सोलर पंप की कुल लागत का 60% हिस्सा दिया जाएगा। कुसुम योजना के तहत ही किसानों को 30% का लोन भी दिया जाएगा। इस योजना की खास बात ये है कि सोलर पंप बंजर भूमि पर लगाया जाएगा। जिससे किसानों को नुकसान नहीं होगा। इस योजना की ज्यादा जानकारी के लिए आप कुसुम योजना की बेवसाइट https://mnre.gov.in/# से ले सकते है।
योजना से दो फायदे
पीएम मोदी की कुसुम योजना से किसानों को दो फायदे हुए है। पहला ये है कि किसनों को फ्री में बिजली मिलने लगेगी और दूसरा ये है कि अब किसान ज्यादा बिजली बनाकर ग्रिड को भेजते है तो किसान को बिजली की कीमत मिलेगी। जिससे वह कमाई कर सकते है। यानि कि अगर किसी किसान की बंजर भूमि है तो वह उस पर सोलर पैनल लगवाकर किसान आमदनी कर सकता है।
क्या है कुसुम योजना का उद्देश्य?
भारत में किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी सिंचाई में आती है। इस दौरान कभी बिजली तो कभी बारिश संकट खड़ा कर देती है। जिस वजह से खेती को काफी नुकसान होता है लेकिन अब कुसुम योजना के तहते किसानों की सिंचाई की परेशानी खत्म हो जाएगी।
कुसुम योजना के तहत किसानों की जमीन पर सोलर पैनल लगेगा। जिससे किसानों की खेती में फायदा होगा। किसानों को बिजली बिना किसी रूकावट मिल सकती है और किसान इसके जरिए अपनी आमदनी भी कर सकते है।
कुसुम योजना के तहत साल 2022 तक देश में तीन करोड़ सिंचाई पंप को बिजली या डीजल की जगह सौर ऊर्जा से चलाने की कोशिश की जा रही है। इस काम में कुल 1.40 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी।