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मोदी कैबिनेट में अजित गुट से एक भी मंत्री नहीं, प्रफुल्ल और तटकरे के बीच विवाद से बढ़ीं NCP की मुश्किलें

प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल आज से शुरू होगा. मोदी सरकार 3.0 का शपथ ग्रहण समारोह शाम को हो रहा है. कैबिनेट विस्तार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सभी दलों को शामिल किया गया है, लेकिन अजित पवार की पार्टी एनसीपी से किसी को फोन नहीं आया है. अभी तक किसी का नाम सामने नहीं आया है. वजह सामने आई है कि प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे मंत्री पद को लेकर आपस में भिड़ गए हैं. बीजेपी आलाकमान ने उनसे कहा है कि पहले अपनी पार्टी में इस बात को लेकर जो नाराजगी है उसे दूर करें.

बता दें कि एनसीपी से दो लोग सांसद हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल राज्यसभा में सांसद हैं, जबकि सुनील तटकरे लोकसभा से चुने गए हैं. सूत्रों ने बताया कि इन दोनों नेताओं ने मंत्री पद के लिए एक-दूसरे पर दावा ठोका है. लेकिन दोनों में से कौन मंत्री होगा? इस संबंध में आम सहमति नहीं बन सकी. सूत्रों ने बताया कि इसी वजह से एनसीपी ने कॉल का जवाब नहीं दिया.

प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे के बीच चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए एनसीपी नेताओं ने तटकरे के दिल्ली स्थित आवास पर बैठक की. इस बैठक में एनसीपी नेता अजित पवार, सुनील तटकरे, प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस मौजूद रहे. सुनील तटकरे के आवास पर डेढ़ घंटे की बैठक हुई. उस बैठक में दोनों नेताओं के बीच विवाद को सुलझाने पर चर्चा हुई थी. लेकिन अंत तक कोई समाधान नहीं निकला. तो डेढ़ घंटे की बैठक के बाद अजित पवार, देवेंद्र फड़णवीस बैठक से बाहर चले गए.

मोदी 3.0 कैबिनेट का पहला शपथ ग्रहण समारोह प्रत्येक पार्टी को जगह देने की कोशिश की जा रही है, लेकिन एनसीपी में विवाद न सुलझने के कारण पीएमओ से एनसीपी के किसी भी सांसद ने फोन का जवाब नहीं दिया. बीजेपी आलाकमान ने एनसीपी नेताओं से कहा है कि पहले उन्हें अपने मतभेद सुलझा लेने चाहिए.

मंत्री पद के लिए प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे की जगह छगन भुजबल को मौका देने की मांग हो रही है. एनसीपी के एक गुट ने यह मांग की है. कार्यकर्ता कह रहे हैं कि छगन भुजबल के ओबीसी चेहरे के मंत्री बनने से पार्टी को फायदा होगा.