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मैं हार्दिक पटेल नहीं जो नाराज हो जाऊं, ज्ञानवापी केस पर भी बोले आजम खान

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान 27 महीने बाद 20 मई को उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल से जमानत पर बाहर आए। मीडिया से खास बातचीत में आजम खान ने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से नाराजगी को लेकर कहा कि मैं कोई हार्दिक पटेल नहीं हूं। आजम का यह बयान अखिलेश यादव का जेल न पहुंचने को लेकर आया है। आजम खान ने ज्ञानवापी केस पर भी बात की। जानिए क्या कहा उन्होंने…

सीतापुर जेल के जमानत पर बाहर आने के बाद इंडिया टुडे से बातचीत में आजम खान ने सबसे पहले बात खुद पर लगे आरोपों पर की। ईडी के अधिकारियों की एक टीम जौहर विश्वविद्यालय से जुड़े आजम खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच कर रही है। दस्तावेज जौहर विश्वविद्यालय से संबंधित हैं, जिसके स्थायी कुलपति सपा विधायक आजम खान हैं।

आजम खान ने कहा कि मुझे माफिया कहा जाता था, जौहर विश्वविद्यालय मेरा अपराध है। मुझ पर बकरियां और मुर्गियां चोरी करने का आरोप लगाया गया था। 20 दिनों में मैं सबसे बड़ा अपराधी बन गया। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये थी कि मैं चुनावी एजेंडे में था।

अखिलेश यादव का जेल में उनसे मिलने के लिए न पहुंचने के सवाल पर आजम ने कहा, “जेल में रहने के दौरान मुझे बाहर जितने वोट मिले, उतने वोट नहीं मिले। कानूनी लड़ाई में सच्चाई ही सच होती है।” आरोप लगाया, “जिला प्रशासन द्वारा जेल में मुझसे मिलने के लिए आने वालों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। मैं किसी से भी नहीं मिल सकता था। मुझे बाहरी दुनिया के बारे में कुछ भी नहीं पता था। मैं एक बहुत छोटे सेल में रहता था, जिसे अंग्रेज फांसी से पहले कैदियों को रखते थे।”