रूस-यूक्रेन के बीच आठ माह से जारी जंग अगले कुछ दिनों में और भीषण हो सकती है। रूस की ओर से पूर्व अफगानी सैनिकों के भी कूदने की खबर है। अफगानिस्तान के भाड़े के ये पूर्व सैनिक अमेरिका द्वारा प्रशिक्षित हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान की पूर्ववर्ती अशरफ गनी सरकार के वक्त सेना में कार्यरत अफगानों को रूस की ओर से यूक्रेन भेजा गया है। इससे यूक्रेन जंग और तेज होने का अंदेशा है। रूस ने यूक्रेन व नाटो को परोक्ष चेतावनी देते हुए परमाणु अभ्यास भी किया है और परमाणु हथियारों में सक्षम लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया है।
ईरान सरकार के इशारे पर रूसी सेना में शामिल!
पूर्ववर्ती गनी सरकार के एक करीबी सूत्र ने एक न्यूज वेबसाइट से चर्चा में ये दावे किए हैं। उसका कहना है कि ईरान सरकार और उसकी खुफिया एजेंसियों ने अपने मित्र देश रूस की मदद के लिए पूर्व अफगानी सैनिकों को भेजा है। ये यूक्रेन के खिलाफ जंग में शामिल हैं।
पिछले साल अगस्त में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में सत्ता हथियाने के बाद गनी सरकार के हजारों सैनिक ईरान भाग गए थे और वहां से रूस पहुंच गए। खबरों में कहा गया है कि ये पूर्व सैनिक रूसी सेना में शामिल हो गए हैं।
300 हजारा को ईरान ने भेजा
रिपोर्ट के अनुसार भाड़े के सैनिकों के यूक्रेन में रूस की ओर से लड़ने की खबर से इस जंग में नया आयाम आ गया है। ईरान ने अफगानिस्तान के 300 हजारा लड़ाकों को अपनी खुफिया एजेंसी की मदद से यूक्रेन भेजा है, ताकि वे वहां रूस की ओर से लड़ाई करें।
पिछले साल अगस्त में अमेरिका ने करीब दो दशक आतंक के खिलाफ जंग लड़ने के बाद अफगानिस्तान छोड़ दिया था। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद करीब 20 हजार सैनिकों को काबुल से निकालकर अबूधाबी भेजा गया था। इनमें से अधिकांश ईरान व अमेरिका चले गए थे। ईरान पहुंचे ये पूर्व सैनिक अब भाड़े के सैनिकों के रूप में रूस की मदद कर रहे हैं।