गृहमंत्री अमित जम्मू-कश्मीर में तीन दिन का दौरा करेंगे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद शाह का ये पहला कश्मीर दौरा है। अमित शाह की यात्रा का मकसद राज्य के विकास कार्यों की समीक्षा बताया जा रहा है लेकिन जिन हालातों में उनका ये दौरा हो रहा है। उसे देखते हुए अमित शाह यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है। अमित शाह का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब पिछले कुछ दिनों से घाटी में आतंकी मजदूरों और अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। आतंकी हमलों के बाद लोगों में खौफ भी बढ़ गया है। आतंकियों के हमले के बाद प्रवासी मजदूर और अल्पसंख्यक हिन्दू घाटी छोड़कर भी जा रहे हैं। ऐसे में अमित शाह का दौरा अल्पसंख्यकों में भरोसा जगा सकता है। अमित शाह के दौरे के जरिए पाकिस्तान को ये संदेश देने की कोशिश भी होगी कि वो कितना ही आतंक फैलाए, भारत अपने लोगों का हौसला हिलने नहीं देगा। अमित शाह आतंकियों के निशाने पर आकर अपनों को खोने वाले पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात करेंगे।
अमित शाह कश्मीरी पंडित माखन लाल बिंदरू, सुपिंदर कौर और 7 अक्टूबर को शहीद हुए 25 साल के एसआई अहमद मीर के परिजनों से मिलेंगे। अमित शाह का कश्मीर दौरा ऐसे समय में भी हो रहा है जब पीओके में पाकिस्तान का विरोध बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के बीच तनातनी चल रही है। पाकिस्तान की स्थितियों को देखते हुए माना जा रहा है कि अमित शाह के दौरे को आतंक पर आखिरी वार की तैयारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
राजभवन में एक बड़ी बैठक करेंगे शाह
अमित शाह शनिवार को श्रीनगर एयरपोर्ट पर उतरेंगे। वहां शारजाह-श्रीनगर की पहली फ्लाइट का शुभारंभ करेंगे और इसके बाद यहां से सीधे राजभवन जाएंगे। राजभवन में शाह की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के साथ एक अहम बैठक है। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, रॉ चीफ सामंत कुमार गोयल, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह, आईबी चीफ अरविंद कुमार, सीआरपीएफ और एनआईए के डीजीपी कुलदीप सिंह, एनएसजी के डीजीपी एमए गणपति, बीएसएफ के डीजीपी पंकज सिंह और आर्मी कमांडर शामिल होंगे।