देर रात काम से लौट रही महिलाओं को साधन नहीं मिलने पर पुलिस की गाड़ी उन्हें घर तक छोड़ेगी। ये निर्णय शनिवार को महिला सुरक्षा को लेकर राज्य महिला आयोग व पुलिस विभाग की संयुक्त बैठक में लिया गया।
राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणू भाटिया महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस की बैठक में शामिल हुईं। उन्होंने हाल में हुई दो घटनाओं पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि सभ्य समाज में ऐसी घटनाएं होना बेहद शर्मनाक है। इन्हें रोकने के लिए लोगों की मानसिकता का बदलना जरूरी है। बैठक में तय हुआ कि रोजाना कम से कम 10 स्कूलों में लड़के और लड़कियों को कानूनी व साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया जाएगा। छोटे बच्चे मोबाइल पर गलत सामग्री देखकर कम उम्र में ही गलत राह पर चले जाते हैं। स्कूल और कॉलेजों के आसपास बने ओयो होटलों में रूटीन चेकिंग का काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी कानून का दुरुपयोग न करें। कानून की नजर में महिला और पुरुष दोनों के लिए बराबर सजा का प्रावधान है। लड़कियों को सतर्क किया जाएगा कि वह गलत व्यक्ति के चंगुल में न फंसें।
पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने बताया कि कामकाजी महिलाओं को रात्रि में घर जाने के लिए साधन न मिलने पर पुलिस उन्हें घर छोड़ने की सुविधा प्रदान करने जा रही है। इसके लिए महिलाएं पुलिस कंट्रोल रूम के नंबरों 9999150000, 7290010000 और 0129-2227200 पर संपर्क कर सहायता ले सकती हैं। दुर्गा शक्ति की पुलिस उन्हें घर तक पहुंचाएगी। बैठक में डीसीपी बल्लभगढ़ कुशल सिंह, एसीपी सिटी बल्लभगढ़ मुनीश सहगल, एसीपी महिला सुरक्षा मोनिका, एसीपी क्राइम सुरेंदर श्योराण, एसीपी मुजेसर दलबीर सिंह, सीएमओ डॉ विनय गुप्ता, महिला थानों के प्रभारी व अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।