पत्नी को घर का होम मिनिस्टर कहा जाता है। वह घर के खर्च से लेकर पति की कमाई का भी पूरा हिसाब रखना चाहती है। लेकिन बहुत कम ही पति हैं जो अपनी सैलरी स्लिप अपनी पत्नी को दिखाते हैं। लेकिन सरकार ने एक ऐसा जरिया बताया है जिसकी मदद से वह पति की सैलरी जान सकती है। जी हां, पत्नी सूचना के अधिकार यानि RTI के तहत आयकर विभाग में आवेदन देकर यह जान सकती है कि उसके पति को उसका विभाग कितनी सैलरी देता है।
जानिए कैसे दायर करें आरटीआई-
सादे कागज पर हाथ से लिखी हुई या टाइप की गई ऐप्लिकेशन के जरिए संबंधित विभाग से जानकारी मांगी जा सकती है। ऐप्लिकेशन के साथ 10 रुपये की फीस भी जमा करानी होती है।
इनका बातों का रखें ध्यान-
किसी भी विभाग से सूचना मांगने में यह ध्यान रखें कि सीधा सवाल पूछा जाए। सवाल घूमा-फिराकर नहीं पूछना चाहिए। सवाल ऐसे होने चाहिए, जिसका सीधा जवाब मिल सके। इससे जन सूचना अधिकारी आपको भ्रमित नहीं कर सकेगा।
एप्लिकेंट को इसका भी ध्यान रखना चाहिए कि आप जो सवाल पूछ रहे हैं, वह उसी विभाग से संबंधित है या नहीं। उस विभाग से संबंधित सवाल नहीं होने पर आपको जवाब नहीं मिलेगा। हो सकता है आपको जवाब मिलने में बेवजह देरी भी हो सकती है।
एप्लिकेशन स्पीड पोस्ट से ही भेजनी चाहिए। इससे आपको पता चल जाएगा कि पीआईओ को एप्लिकेशन मिली है या नहीं।
आरटीआई एक्ट कुछ खास मामलों में जानकारी न देने की छूट भी देता है। इसके लिए एक्ट की धारा 8 देख लें ताकि आपको पता चल सके कि सूचना देने से बेवजह मना तो नहीं किया जा रहा है।
दरअसल ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जोधपुर से सामने आया है। यहां की एक महिला ने आयकर विभाग में आरटीआई दाखिल कर अपने पति की ग्रॉस और टैक्सेबल कमाई की जानकारी मांगी थी। आयकर विभाग ने महिला के पति को नोटिस जारी करते हुए कहा कि उसकी पत्नी जानकारी मांग रही है। महिला के पति ने आयकर विभाग को नियमों का हवाला देते हुए जानकारी देने से मना किया। बाद में महिला ने जब केंद्रीय सूचना आयोग में शिकायत की तो सूचना आयोग ने जोधपुर में स्थित आयकर विभाग को कहा कि वे इस तरह की सूचना देने से इनकार नहीं कर सकते और साथ में 15 दिन के अंदर महिला को मांगी गई सूचना देने के लिए कहा है।