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महाराष्ट्र विधानसभा सत्र के आखिरी दिन क्यों बोले अजित पवार, ‘कुत्ते, बिल्लियों और मुर्गों का हम प्रतिनिधित्व नहीं करते’

महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Maharashtra Winter Assembly Session) में इस बार जनता की आवाज उठाने की बजाए कुते-बिल्लियों की नकल करने वाली आवाजें ज्यादा सुनाई दीं. इस नई परंपरा को शर्मनाक बताते हुए उप मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने आज (मंगलवार, 28 दिंसबर) अधिवेशन के आखिरी दिन विधायकों को खूब खरी-खोटी सुनाई.

अजित पवार ने कहा कि, ‘जिन विधायकों को लाखों मतदाता यहां चुन कर भेजते हैं उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे कुत्ते, बिल्लियों और मुर्गों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. अगर वे इस बात को नहीं समझे तो लाखों मतदाताओं का विश्वास टूटेगा. विधानसभा के सदस्य अपने आचरणों का ध्यान रखें. ‘

‘सदस्यों की छवि से विधानसभा की छवि बनती-बिगड़ती है’

आगे इसी बात को विस्तार देते हुए अजित पवार ने कहा कि, ‘विधानमंडल में सदस्य सभागृह में किस तरह से आचरण करते हैं, क्या बोलते हैं, परिसर में उनका व्यवहार कैसा होता है, इन सब बातों पर ना सिर्फ उनकी बल्कि विधानसभा की छवि निर्भर करती है. पिछले कुछ सालों से सदस्यों के आचरण से विधानसभा की प्रतिष्ठा को आंच आई है.’

‘संसदीय शिष्टाचारों की आचारसंहिता की किताब पढ़ें’

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ‘संसदीय सदाचार और शिष्टाचार की आचारसंहिता की किताब सबको पढ़नी चाहिए. अपने व्यवहार पर अंतर्मुख होकर विचार करना चाहिए. विधानसभा में हमारे व्यवहार को दुनिया भर में देखा जा रहा है. इसलिए सदस्यों का व्यवहार ऐसा ना हो कि इससे किसी का अपमान होता हो. अशोभनीय व्यवहारों से सदस्यों को बाज आना चाहिए.’

अजित पवार इस बहाने नितेश राणे को लगे सुनाने

दरअसल अधिवेशन के दूसरे दिन ही विपक्ष की ओर से विधानसभा के परिसर में ही सीढ़ियों पर आंदोलन किया जा रहा था और नारेबाजी की जा रही थी. इस आंदोलन में बीजेपी के अन्य नेताओं की के साथ विधायक नितेश राणे भी शामिल थे. इसी नारेबाजी के बीच पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे सभागृह पहुंचे. इसी दौरान नितेश राणे ‘म्याऊ-म्याऊ’ की आवाज निकालने लगे.

इसके बाद शिवसेना के नेता भड़क गए और उन्होंने इसे आदित्य ठाकरे का अपमान बताया. वे नितेश राणे को निलंबित किए जाने की मांग करने लगे. दरअसल आदित्य ठाकरे की आवाज पतली है. नितेश राणे अक्सर उनकी आवाज की नकल करते हुए उनका मजाक उड़ाते हैं. कभी म्याऊ-म्याऊ तो कभी पेंग्विन कह कर चिढ़ाते हैं. अजित पवार एक तरह से अपने आज के संबोधन में नितेश राणे को ही संदेश दे रहे थे.

नारायण राणे अपने बेटे नितेश राणे के समर्थन में ताल ठोक कर उतरे

अजित पवार के विधानसभा में कही गई बातों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने खुल कर अपने बेटे नितेश राणे का समर्थन किया. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, ‘ म्याऊ-म्याऊ का आदित्य ठाकरे से क्या संबंध है? बाघ कबसे बिल्ला बन गया? (शिवसेना का प्रतीक चिन्ह बाघ है) आदित्य ठाकरे के गुजरने के दौरान म्याऊ-म्याऊ करने से क्या हो गया, उनकी आवाज वैसी है क्या ? वै ऐसे ही बोलते हैं क्या? अजित पवार हैं कौन?’ इस तरह से नारायण राणे नितेश राणे के मुद्दे को लेकर अजित पवार पर भड़क गए.