महाराष्ट्र की राजनीति (politics of Maharashtra) में हलचल पैदा करने वाले नगर विकास मंत्री (Urban Development Minister) एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने ट्वीट कर कहा है कि महाराष्ट्र के हित में निर्णय लेना आवश्यक है।
उन्होंने चार पॉइंट में अपनी बात रखते हुए कहा कि पार्टी और शिवसैनिकों के अस्तित्व के लिए अस्वाभाविक मोर्चे से बाहर निकलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में अघाड़ी सरकार ने केवल घटक दलों को फायदा पहुंचाया और शिवसैनिकों को भारी नुकसान हुआ।
एकनाथ शिंदे फिलहाल अभी भी दो तिहाई शिवसेना के विधायकों की संख्या तक नहीं पहुंचे हैं। इसी वजह से शिंदे फिलहाल गुवाहाटी (असम) से मुंबई वापस नहीं आ रहे हैं। वहीं इन सारे घटनाक्रम में भाजपा वेट एंड वाच की भूमिका में है।
बताया जा रहा है कि शिवसेना के कुल विधायकों की संख्या 55 में से दो तिहाई अर्थात 37 शिवसेना विधायकों का समर्थन जुटाने के बाद शिंदे मुंबई लौटेंगे और विधानसभा में शिवसेना का अलग ग्रुप बनाकर भाजपा को समर्थन देंगे। भाजपा भी एकनाथ शिंदे के सफल होने का इंतजार कर रही है। सूत्रों के अनुसार इस समय गुवाहाटी में शिवसेना के 35 विधायक और 7 निर्दलीय विधायक एकनाथ शिंदे के साथ हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से महाराष्ट्र की जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि वे मुख्यमंत्री पद तथा शिवसेना अध्यक्ष पद दोनों छोड़ने के लिए तैयार हैं, इसलिए उनकी पार्टी के नाराज विधायक उनके पास आएं और चर्चा करें। इसके बाद उनका इस्तीफा लेकर राजभवन में जाएं।