पश्चिम बंगाल की सीएम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने मंगलवार को कैबिनेट का विस्तार (West Bengal Cabinet Expansion) का ऐलान किया है. इस फेरबदल में सीएम ममता बनर्जी ने खुद अपने पास वित्त विभाग का प्रभार रखा है, जबकि पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा को आर्थिक सलाहाकार बनाने का फैसला किया गया है. मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
राज्य मंत्रिमंडल के फैसले के अनुसार पुलक रॉय को पंचायत विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. वह वर्तमान में लोक स्वास्थ्य तकनीकी विभाग के मंत्री हैं, जबकि स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य को वित्त विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. वहीं, मंत्री मानस रंजन भुइयां को उपभोक्ता सुरक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. बता दें कि हाल में सुब्रत मुखर्जी के निधन के बाद पंचायत मंत्री का पद रिक्त था और उपभोक्ता सुरक्षा मंत्री साधन पांडेय गंभीर रूप से बीमार हैं. वहीं, अमित मित्रा ने खराब स्वास्थ्य के कारण इस साल विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा है. बीरबाह हाजदा को शिल्प पुनर्गठन विभाग का अतिरिक्त दायित्व दिया गया है. उनके पास वन राज्य मंत्री का प्रभार था.
तीसरी बार सत्ता में आने के बाद पहली बार हुआ फेरबदल
तीसरी बार सत्ता में आने के बाद ममता बनर्जी ने राज्य मंत्रिमंडल का पहली बार विस्तार किया है. बता दें कि विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने बीजेपी को हराकर फिर से बंगाल की सत्ता हासिल की थी. उसके बाद से लगातारा विधानसभा उपचुनावों में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी जीत हासिल कर रही है. हाल में सुब्रत मुखर्जी के निधन और साधन पांडेय के बीमार रहने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल के कयास लगाए जा रहे थे. आज उस पर मुहर लगा दी गई.
नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा में दिलाई गई शपथ
30 नवंबर को हुए उपचुनाव में गोसाबा से निर्वाचित हुए टीएमसी के सुब्रत मंडल, शांतिपुर विधानसभा क्षेत्र में टीएमसी के ब्रज किशोर गोस्वामी, दिनहाटा से टीएमसी के उम्मदीवार उदयन गुहा और खड़दह विधानसभा क्षेत्र में राज्य के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय को मंगलवार को विधानसभा की सदस्यता की शपथ दिलाई गयी. उसके बाद विधानसभा में ही ममता बनर्जी की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इस बैठक में मंत्रिमंडल में विस्तार को मंजूरी दी गई. चूंकि सारे मंत्रियों को अतिरिक्त दायित्व दिया गया है. इस कारण इन मंत्रियों को शपथ दिलाने की जरूरत नहीं है.