भारतीय मूल की मनप्रीत मोनिका सिंह (Manpreet Monika Singh) ने रविवार को हैरिस काउंटी के न्यायाधीश (Judge) के रूप में शपथ ली है. वो अमेरिका में पहली महिला सिख न्यायाधीश (First Female Sikh Judge) बन गई हैं. मोनिका सिंह का जन्म और पालन-पोषण ह्यूस्टन में हुआ था और अब वह अपने पति और दो बच्चों के साथ ब्लेयर में रहती हैं. अमेरिका में अनुमानित 500,000 सिख हैं, जिनमें से 20,000 सिख ह्यूस्टन क्षेत्र में रहते हैं. मोनिका का कहना है कि एक न्यायाधीश के रूप में उनका चुनाव सिख समुदाय के लिए बहुत मायने रखता है.
70 के दशक में अमेरिका आया था परिवार
मनप्रीत के पिता का संक्षिप्त नाम ए.जे. है जो एक वास्तुकार हैं. 1970 के दशक की शुरुआत में वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए अमेरिका चले गए थे. वह कहती हैं कि उस दौर में मेरे पिता को एक पगड़ीधारी सिख के रूप में भेदभाव का सामना करना पड़ा था और उस समय अप्रवासियों के लिए भेदभाव के खिलाफ भी आवाज उठाने के लिए कोई मंच नहीं था.
मोनिका कहती हैं कि अब समय बदल गया है. स्कूल में मेरे भाई को भी धमकाया जाता था, लेकिन अब सब लोग जानते हैं कि हम अपनी आवाज उठा सकते हैं. हालांकि यह (भेदभाव) वास्तव में अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, हम सभी अभी भी किसी न किसी स्तर के भेदभाव से गुजरते हैं. वह कहती है कि एक अधिवक्ता के तौर पर मैंने हमेशा एक संकल्प खोजने और एक बदलाव लाने की कोशिश की है.
सभी रंग की महिलाओं के लिए एक राजदूत हैं मनप्रीत
ह्यूस्टन के मेयर सिलवेस्टर टर्नर ने कहा कि यह सिख समुदाय के लिए गर्व का दिन था, लेकिन सभी रंग के लोगों के लिए गर्व का दिन था, जो कोर्ट की विविधता में ह्यूस्टन शहर की विविधता को देख रहे हैं. मनप्रीत न केवल सिखों के लिए एक राजदूत हैं, बल्कि वह सभी रंग की महिलाओं के लिए भी एक राजदूत हैं.