मोहम्मद शाहजहाँ की बेटी जिसका नाम ‘सुहाना ख़ातून’ है वो धीरे-धीरे एक ऐसी बीमारी के चपेट में आ चुकी है जिसके कारण वो पेड़ में तब्दील हो रही है। इस लड़की के चेहरे और शरीर पर कई मस्से उभरे हुए हैं जिसमें आपको पेड़ों की जड़ और शाखाएँ दिखाई पड़ेंगी।भौचक्का कर देने वाली इस बीमारी का नाम ‘ट्री मैन सिंड्रोम’ अथवा ‘एपिडर्मोडिस्प्लासिया वेरुसिफोर्मिस’ है।आपको बता दें की ‘ट्री मेन सिंड्रोम’ नामक इस बीमारी की ‘सुहाना ख़ातून’ पहली शिकार नहीं हैं। दुनिया में पहले भी 6 से 7 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि ‘सुहाना खातून’ नाम की ये पहली बांग्लादेशी लड़की है जिसे ये बीमारी हुई है।
सुहाना खातून की माँ अब नहीं है, उनकी मौत तभी हो गयी थी जब सुहाना मात्र 6 साल की थी।आज से क़रीब 4 महीने पहले उसके चेहरे पर मस्से उभरना शुरू हुए थे। उस समय उसके पिता ने अपने आमदनी के हिसाब से उसे ग्रामीण उपचार मुहैया कराया। मगर उसका सुहाना पर कोई असर नहीं दिखा। ग्रामीणों ने भी खूब चिंता जताई। 1 साल के बाद मस्सों ने तेजी से बढ़ना शुरू कर दिया। मस्से धीरे-धीरे मुँह से लेकर पूरे शरीर में फैलने लगे। मस्से इतने भयानक थे कि गांव वालों ने भी अब मुहम्मद शाहजहाँ और उनकी बेटी को दर किनार कर दिया। कुष्ट रोग कह के लोगो ने खूब ताने भी दिए।जैसे-जैसे दिन बीतता गया मस्सों में पेड़ की जड़ और शाखाओं की झलक साफ़-साफ़ दिखाई देने लगी।
पैसों की तंगी के चलते लाचार पिता नें बहुत जद्दो-जहद करने के बाद उसके इलाज के लिए कुछ पैसे इकठ्ठा किये और बांग्लादेश की राजधानी, ढाका लेकर गए। इलाज अब भी जारी है।
आज से 4 महीने पहले उसके चेहरे पर मस्से आना शुरू हुआ था। उस समय उसके पिता ने अपने हैसियत के हिसाब से उसे ग्रामीण उपचार मुहैया करवाया। मगर उसका उस पर कोई असर नहीं दिख था। ग्रामीणों ने खूब चिंता जताई।
1 साल बाद मसों से तेजी से बढ़ना शुरू किया। वो धीरे धीरे मुँह से लेकर पूरे शरीर तक फ़ैल गया। मास्सा इतना भयानक था की गांव वालो ने भी अब अब मुहम्मद शाहजहाँ और उसकी बेटी को दर किनार कर दिया। कुस्ट रोग कह के लोगो ने खूब ताने मारने शुरू कर दिए। जैसे जैसे दिन बढ़ता गया मस्सों में पेड़ के जड़ो और शाखाओं की झलक साफ़ साफ़ दिखाई देने लगी।